अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में जारी अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट को खारिज किया है। ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आदेश सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिए थे।
सऊदी अरब के बादशाह और क्राउन प्रिंस के इस हत्या में शामिल होने के आरोपों को नकारते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि शायद विश्व उन्हें इस क़त्ल का गुनागार मानता हो, क्योंकि यह दुनिया बेहद दोषपूर्ण स्थान है। आलाचकों ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह मानव अधिकार को नज़रंदाज़ कर, सऊदी अरब को आर्थिक कारणों से क्लीन चिट दे रहे हैं। ताकि वह तेल बाज़ार पर अपना प्रभुत्व कायम कर सके।
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते हफ्ते कहा था कि इस हत्या के कारण वे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पर कठिन पाबंदियां नहीं लगायेंगे। उन्होंने कहा था कि मेरी नीति साफ़ है, अमेरिका पहले, अमेरिका को दोबारा महान बनाना और इसके लिए मैं ये सब कर रहा हूं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि सऊदी अरब के बादशाह और क्राउन प्रिंस ने कबूल किया है कि उन्होंने यह नृशंस कृत्य नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि यह भयावह है, आपसे ज्यादा मैं इसे नापसंद करता हूँ लेकिन सऊदी के व्यापार के कारण अमेरिका की पूँजी बढ़ेगी, नौकरियों में इजाफा होगा और सबसे महत्वपूर्ण वे तेल के कीमतों को कम रखने में समर्थ है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि मुझे अपराधों से सख्त नफरत है, जो हुआ मुझे उससे नफरत है और मैं बताना चाहूँगा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को यह मुझसे ज्यादा नापसंद है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हो सकता है क्राउन प्रिंस ने हत्या करवाई हो, शायद ना भी करवाई हो लेकिन सऊदी अरब हमारा सबसे महत्वपूर्ण मित्र देश है। राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने बताया था कि इस हत्या कांड में शामिल 17 संदिग्धों पर प्रतिबन्ध लगाये हैं। उन्होंने कहा था कि हम सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिका सदैव मानव अधिकार के पक्ष में हो। आलोचकों के मुताबिक सऊदी अरब ने पत्रकार की हत्या के लिए 15 लोगों की टीम भेजी थी और शव को गला दिया गया था।
जमाल खशोगी की हत्या 2 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में हुई थी। सऊदी ने कबूल किया था कि पत्रकार की हत्या अधिकारियों के पूछताछ के दौरान हुई थी।