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    सातवां वेतनमान आयोग

    जब भी केंद्रीय कर्मचारी अथवा पेंशनर्स सातवें वेतन आयोग से संबंधित कोई खबर देखते हैं, उस दौरान वे अधिकांशत: वेतन वृद्धि, वेतन भत्ते में इजाफा अादि की कुछ अच्छी उम्मीद करते हैं। लेकिन इस बार सातवां वेतन आयोग कुछ बुरी खबर दे सकता है।

    सूत्रों के मुताबिक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिकों के बच्चों को दिए जाने वाले शैक्षणिक खर्च में कटौती करने को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकता है।

    पूर्व सैनिक कल्याण विभाग का पत्र

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा 13 सितंबर को जारी एक पत्र में सेवानिवृत्त सैनिकों के बच्चों के शैक्षणिक खर्च जैसे ट्यूशन और हॉस्टल के लिए मिलने वाले भत्ते में कटौती कर 10,000 रुपए प्रति माह करने की सिफारिश की है। इस साफ संकेत मिल रहा है कि, इस संबंध में रक्षा मंत्रालय कोई जल्द फैसला ले सकता है।

    सांसद राजीव चंद्रशेखर का पत्र रक्षामंत्री के नाम

    राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन को लिखे पत्र में आग्रह किया था कि पूर्व सैनिकों के बच्चों को मिलने शैक्षणिक खर्च जैसे ट्यूशन फीस और हॉस्टल चार्ज प्रतिमाह 10,000 रूपए ना करें। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व सेना प्रमुख और विदेश मामलों के राज्य मंत्री वी.के. सिंह भी रक्षामंत्री से इस मामले में समीक्षा करने के लिए आग्रह कर चुके हैं।

    पूर्व सैनिकों को बच्चों को मिलने वाला शैक्षणिक खर्च

    भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद ढाका में पाकिस्तानी सेना द्वारा आत्मसर्पण किए जाने के दो दिन बाद सरकार ने बांग्ला देश की मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिकों के बच्चों को शैक्षणिक खर्च देने का ऐलान किया था। लोकसभा में 18 दिसंबर, 1971 को की गई घोषणा के बाद से सरकार द्वारा सेवानिवृत्त सैनिकों के बच्चों को शैक्षणिक खर्च दिया जाना जारी है।

    गौरतलब है कि देश में 1 जुलाई से सातवां वेतन लागू हो गया है। इससे सबसे ज्यादा फायदा उन सैनिकों को होगा, जो जोखिम इलाकों जैसे सियाचिन आदि जगहों पर तैनात हैं। ऐसे सैनिको का जोखिम भत्ता 14000 रूपए से बढाकर 30000 रूपए कर दिया है।