Sat. Nov 23rd, 2024
    साइबर अपराध cyber crime in hindi

    विषय-सूचि

    साइबर अपराध परिभाषा (Cyber Crime definition in hindi)

    परिभाषा –यह एक तरह का अपराध है जो की कम्प्युटर की मदद से नेटवर्क उपकरणों के माध्यम से अपराधी द्वारा किया जाता है।

    ज़्यादातर साइबर अपराध ये साइबर अपराधी अपने पूंजीवाद फायदे के लिए करते है जिससे की उसका लाभ हो और काफी तरह के साइबर अपराध जो होते है वह दूसरे कम्प्युटर या नेटवर्क को पूरी तरह से तबाह करने के लिए भी होते हैं। इस तरह के अपराध में मालवेएर, अवैध जानकारी और फोटो आदि से होते हैं। इस अपराध को करने के लिए कुछ साइबर अपराधों में दोनों होते हैं जैसे की एक कम्प्युटर होता है वह वाइरस से संक्रमित हो जाता है और यह संक्रमण बाकी के आस पास की मशीनो और सारे के सारे नेटवर्क में फैल जाता है।

    साइबर अपराध का प्राथमिक प्रभाव जो होता है वह पूंजीवाद होता है और साइबर अपराध काफी तरह के लाभ अपराधी को देता है। इसमे रेनसमवएर अटैक, ईमेल, इंटरनेट फ़्रौड, अकाउंट की पूंजी चुराना, क्रेडिट कार्ड और बाकी के कार्ड की जानकारी निकालना आदि साइबर अपराध में आते हैं। साइबर अपराधी जो होते हैं वह व्यक्तिगत जानकारी और ऑफिस आदि की जानकारी को चुराने और उसे अपने फायदे के हिसाब से बेचने का भी प्रयास करते हैं।

    साइबर अपराध क्या है? (what is cyber crime in hindi?)

    यूएस के न्यायालय ने साइबर अपराध को तीन भागों में बाटा है। पहला जिसमे कम्प्युटर उपकरण उसका निशाना है उदाहरण नेटवर्क को काबू में करना। दूसरा कम्प्युटर को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना उदाहरण डीओएस (डेनियल ऑफ सर्विस) अटैक और तीसरा कम्प्युटर को अपराध के लिए एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, उदाहरण कम्प्युटर के इस्तेमाल से अवैध डाटा को लेना।

    यूरोप की साइबर अपराध की काउंसिल जो की यूएस के न्यायालय की मदद से काम करती है उसका मानना है की साइबर अपराध एक तरह की खतरनाक मालेसियस गतिविधि है यानि की वाइरस से फैलने वाली साजिश है जिसमे की अवैध तरीके से डाटा को लिया जाता है और दूसरों के सिस्टमों में घुसा जाता है और कॉपीराइट वाली चीजों को नुकसान पहुंचाया जाता है। बाकी तरह के साइबर अपराधों में जुआ, अवैध वस्तुओं को बेचना जैसे की हथियार, ड्रग्स आदि और बच्चों की पॉर्न डालना यह सभी एक तरह के साइबर अपराध हैं।

    इंटरनेट की बढ़ती सुविधा की वजह ने साइबर अपराधों को बढ़ावा दे रखा है। क्योंकि इस वजह से अपराधी को खुद उसी जगह पर अपराध करने के लिए रहना जरूरी नहीं है। इंटरनेट की गति, सुविधा और आसानी से कनैक्शन मिलने के फायदे की वजह से वित्तीय अपराध, जैसे की फ़्रौड, मनी लौंडेरिंग आदि जैसे बेकार काम होते हैं इस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    इस तरह के अपराध या तो किसी एक व्यक्ति या फिर व्यक्तियों के समूह द्वारा किए जाते है जिनहे काफी अच्छा तकनीकी ज्ञान होता है। इसमे काफी शिक्षित डेवलपर और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़े हुए होते हैं। इस तरह के अपराध ज़्यादातर उन देशों में किए जाते हैं जहाँ पर साइबर अपराध पर काफी कम नियम हैं और जहाँ का कानून थोड़ा ढीला है।

    साइबर अपराध किस तरह काम करता है? (working of cyber crime in hindi)

    इस तरह के साइबर अपराध को करने के लिए साइबर अपराधी काफी तरह के टेक्निकल हमले करते हैं और हमेशा नए नए तरीके खोजते रहते हैं जिससे की वह बिना पकड़े जाए अपने मुकाम को हासिल कर सकें।

    • डीडीओएस (distributed dos attack) – यह सिस्टम और नेटवर्क को बंद करने के काम आता है। इस तरह का हमला उसी नेटवर्क के प्रोटोकॉल को इस्तेमाल करके किया जाता है। इस तरह के हमले ज़्यादातर वाइरस हमलों से सिस्टम को नुकसान पहुँचाने के लिए किये जाते हैं। यह हमले कई बार लोगो को किसी और मुश्किल में फँसाके कुछ और अपराध करने के लिए भी किये जाते हैं।
    • सिस्टम और नेटवर्क को मालवेएर की मदद से संक्रमित किया जाता है। उदाहरण सिस्टम को खराब कर देना, जो भी सॉफ्टवेयर या फिर डाटा सिस्टम में रखा हुआ है उसे खराब कर देना।
    • फिशिंग कैम्पेन में फ़्रौड मेल द्वारा लोगो को पागल बनाया जाता है जिससे की वह दिये गए एटेचमेंट को डाउनलोड करें और या फिर दी गयी लिंक पर क्लिक करें जिससे की सिस्टम में वाइरस फैल जाए और उस सिस्टम से वह वाइरस उनकी कंपनी के नेटवर्क में भी फैल जाए।
    • कई बार क्रेडेंशियल हमला भी किया जाता है जिसमे उपयोगकर्ता के निजी अकाउंट के आईडी और पासवर्ड जान लिए जाते हैं और उसका सारा पैसा अपराधी फिर अपने अकाउंट में डाल लेता है। कई बार कुछ सॉफ्टवेयरों की भी मदद ली जाती है जिससे की किसी भी व्यक्ति का निजी अकाउंट हैक किया जा साके और उसके सारी पूंजी हड़पी जा साके।
    • साइबर अपराधी कुछ वैबसाइटो पर डाका भी डाल देते हैं जिससे की वह उस वैबसाइट पर जो जानकारी है उसे बदल सकें और उसमें अपने हिसाब से कुछ भी डाल सकें। उदाहरण के तौर पर कोई अपराधी एसक्यूएल इंजेक्शन(SQL Injection) का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे की वह वाइरस से भरा कोड़ वैबसाइट में डाल सके और वह वाइरस से भरा कोड वैबसाइट के डेटाबेस में फैल जाये और अपराधी सारे डाटा को हैक कारले और इसके बाद अपने हिसाब से वो उसमे बदलाव कर सके। यह उपयोगकर्ता के निजी पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर, पर्सनल आइडेंटिफिएब्ल जानकारी, प्रोपर्टी आदि की जानकारी को भी अपराधी इन तरिकों से पा सकता है।

    साइबर अपराध के प्रकार (types of cyber crime in hindi)

    काफी प्रकार के साइबर अपराध होते हैं। ज़्यादातर साइबर अपराध साइबर हमलों द्वारा धन को पाने के लिए किए जाते हैं।

    • एक होता है साइबर धमकी जिसमे अपराधी लोगों का डराता और धमकाता है उसमे वह कहता है या तो पैसे दो नहीं तो वह उन्हे साइबर हमले से तबाह कर देगा। एक तो होता है नेटवर्क की मदद से वह किसी कंपनी या फिर किसी संगठन को आघात पहुंचाता है और उस संगठन आदि की सारी फ़ाइल, डाटा और जितने भी जरूरी डॉकयुमेंट होते हैं उन्हे ले लेता है।
    • दूसरे में क्रिप्टोकरेंसी को वह सॉफ्टवेयरों की मदद से हत्याने का काम करता है।
    • तीसरे में वह कुछ सॉफ्टवेयर और नेटवर्क की मदद से बड़ी चालाकी से क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी निकाल कर सारी की सारी पूंजी को अपने अकाउंट में डाल लेता है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    One thought on “साइबर अपराध: प्रकार, बचाव, नियम, क़ानून”
    1. Upar diye gaye cyber attacks me se sabse dangerous attack konsa hota hai or hum isse bachne ke liye kya kya kar sakte hain?

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