इससे पहले खबर थी कि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल जल्द ही अपने पद से इस्तीफ़ा देते हुए दिख सकते हैं।
माना जा रहा है कि हाल ही सीएनबीसी को दिये गए एक इंटरव्यू में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आरबीआई के लिए ‘दिये गए ऋण के प्रति नर्म’ रहने के चलते आलोचना करने के बाद उर्जित यह कदम उठा सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के नजदीक रहे सूत्रों का कहना है कि आरबीआई गवर्नर के पास अभी सभी विकल्प मौजूद है, ऐसे में गवर्नर शायद ही इस्तीफ़ा दें। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि केंद्र और आरबीआई के बीच आई दरार अब भरी नहीं जा सकती है, ऐसे में उर्जित पटेल इस्तीफ़ा देते हुए दिख सकते हैं।
इसे लेकर यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदम्बरम ने ट्वीट करते हुए कहा है कि “सरकार ने आरबीआई के सेक्शन 7 का आवाहन किया है। मुझे डर है कि आज और भी बुरी खबरें सामने आ सकती हैं।”
If, as reported, Government has invoked Section 7 of the RBI Act and issued unprecedented ‘directions’ to the RBI, I am afraid there will be more bad news today
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 31, 2018
We did not invoke Section 7 in 1991 or 1997 or 2008 or 2013. What is the need to invoke the provision now? It shows that government is hiding facts about the economy and is desperate
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 31, 2018
अरुण जेटली ने मंगलवार को आरबीआई पर आरोप लगते हुए बताया था कि आरबीआई ने 2008-2014 के बीच बड़ी संख्या में बुरे ऋण बाटें हैं, इसकी वजह से वर्तमान में आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच घमासान मचा हुआ है।
इसके पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्या ने कहा था कि “केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को कमजोर करना संभवतः विनाशकारी हो सकती है।”
विरल आचार्य का बयान तब सामने आया है जब सरकार ने आरबीआई के 3.6 हज़ार अरब रुपये के खजाने से देश का कर्ज़ कुछ कम करने की माँग की थी।
मालूम हो कि अगले वर्ष मई में देश में लोकसभा चुनाव होने है, ऐसे में केंद्र यह चाह रहा है कि देश के आर्थिक हालात फिलहाल काबू में रहे।
हालाँकि केंद्र के बड़े अधिकारी विरल आचार्य के बयान पर बेहद नाराज़ हुए हैं। अधिकारियों का कहना था कि आरबीआई को इस तरह से यह मुद्दा देश के सामने पेश नहीं करना चाहिए था।
पत्रकारों नें सरकार पर साधा निशाना
‘Political’ India (read netas) are battling over Sardar Patel legacy but ‘real’ India (read economy) is more worried about Urjit Patel future! One Patel may get you votes, the other Patel hits your notes!!😄👍
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 31, 2018
पत्रकार राजदीप सारदेसाई नें लिखा कि जहां सभी नेता इस समय सरदार पटेल की बात करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं, वहीँ देश के सामने असली मुद्दा उर्जित पटेल का है।
Think about it. Raghuram Rajan, Urjit Patel, Viral Acharya, Arvind Panagaria, Arvind Subramanian all had serious problems with the way this government approached economic policy & implementation. Is something wrong with all the people or is PM Modi/FM Jaitley flawed?
— M K Venu (@mkvenu1) October 31, 2018
इसके अलावा एमके वेणु नें मोदी सरकार को सीधा निशाने पर लेते हुए कहा कि रघुराम राजन, उर्जित पटेल, विरल आचार्य, अरविंद पनागारिया, अरविंद सुम्रमनियन सभी को सरकार के अर्थव्यवस्था पर नजिरये से शिकायत थी।
ऐसे में क्या ये सभी लोग गलत हैं, या फिर मोदी और जेटली का नजरिया गलत है?
https://twitter.com/DilliDurAst/status/1057501070816088066
शिवम नें लिखा कि उर्जित पटेल को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि सरकार उनके कार्य में हस्तक्षेप कर रही है। उन्होनें यह भी कहा कि उर्जित पटेल को उस समय बोलना चाहिए था जब सरकार नें नोटबंदी की।
सरकार नें संभाली स्थिति
केंद्र सरकार नें आज आरबीआई मुद्दे पर स्थिति को संभालते हुए एक प्रेस रिलीज़ के जरिये कहा कि आरबीआई की स्वतंत्रता बहुत जरूरी है और सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही है।
Autonomy for Central Bank, within the Framework of the RBI Act, is an Essential and Accepted Governance Requirement: Says Government ; For full details, please log on to: https://t.co/lqjjoH9pOb
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 31, 2018
सरकार नें आगे कहा कि सरकार और आरबीआई दोनों को ही नागरिकों के हित में फैसले लेने चाहिए।
आगे कहा गया है कि हर मुद्दे पर सरकार और अन्य संस्था के बीच बातचीत होती है, लेकिन इन बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जाता है, सिर्फ फैसले को जनता तक पहुँचाया जाता है।
जाहिर है सरकार नें इस फैसले के जरिये अपनी स्थिति को साफ़ कर दिया है कि वह इस स्थिति को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है। अब देखना यह है कि आरबीआई और उर्जित पटेल इसपर क्या प्रतिक्रिया देते हैं?
उर्जित पटेल नें बुलाई बैठक
सरकार द्वारा मामले को संभालने के बाद अब उर्जित पटेल नें भी संकेत दे दिए हैं कि वे इस्तीफा नहीं देंगे।
बिजनेस स्टैण्डर्ड के मुताबिक उर्जित पटेल नें 19 नवम्बर को बोर्ड की एक बैठक बुलाई है, जिसमें वे वर्तमान मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।
इसके अलावा पटेल सरकार की आरबीआई के फैसलों में भागीदारी पर भी बातचीत करेंगे।
जाहिर है ऐसा मानना था कि केंद्र सरकार आरबीआई के कार्य में हस्तक्षेप कर रही है।