सबरीमाला मंदिर में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने वाली रेहाना फातिमा ने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
करीब 10 दिन पहले रेहाना फातिमा पर आईपीसी के धारा 295 ए के तहत (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से) पठानमथिट्टा पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।
सबरीमाला समृद्धि समिति द्वारा दायर की गई शिकायत के बाद पुलिस ने रेहाना पर मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि रेहाना के सोशल मीडिया पोस्टों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाया है।
रेहाना ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कहा है कि कि धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज करने के लायक आवश्यक डिटेल पुलिस के पास नहीं है और उनका इन आरोपों से कोई लेना देना नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि उन्होंने फेसबुक पर सबरीमाला जाने के लिए अपना इरादा व्यक्त किया था और 18 अक्टूबर को उन्होंने पठानमथिट्टा जिला कलेक्टर और आईजी मनोज अब्राहम को सूचित किया था कि वह मंदिर जाना चाहती हैं जिसके बाद उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया गया।
रहना फातिमा ने हेडलाइंस हिट की क्योंकि वह उन कुछ महिलाओं में से एक थी जिन्होंने प्रार्थना करने के लिए सबरीमाला अभयारण्य में प्रवेश करने की कोशिश की थी।
रहना को पुलिसकर्मियों द्वारा विशेष सुरक्षा दी गई थी, जिन्होंने मंदिर से 500 मीटर दूर नदापंथल तक उसे सुरक्षा दिया था। उसने अयप्पा की तरह काले कपड़े पहन रखा था, उनके पास इरुमुद्दीत्तु (दो-स्तरित पवित्र बंडल ले जा रही थीं जिसके बिना भक्त मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते थे) था। उनके साथी मनोज श्रीधर ने कहा कि उन्होंने रीति-रिवाजों और प्रथाओं के अनुसार 21 दिन के उपवास को देखा था।
भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जब पुजारी ने चेतावनी दी कि अगर महिलायें मंदिर में प्रवेश करेंगी तो मंदिर को बंद कर देंगे तो उसके बाद रेहाना बिना दर्शन किये लौट आई थी।
मंदिर में घुसने की कोशिशों के बाद एर्नाकुलम में रेहाना के घर पर अज्ञात लोगों ने हमला कर तोड़ फोड़ किया था।