सबरीमाला मंदिर में घुसने वाली दो महिलाओं को ये तो पता था कि उनका ये कदम एतिहासिक होने वाला है मगर शायद उन्होंने इसके परिणाम के ऊपर विचार-विमर्श नहीं किया था। और इसलिए आज वे प्रदर्शनकारियों की धमकियों से छुपती फिर रही हैं।
जबसे सितम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाज़त दी है तभी से ये मंदिर और इसके आस पास का एरिया युद्ध का मैदान बन गया है। कई महिलाओं ने प्रवेश करने की कोशिश की मगर विरोध प्रदर्शन के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा।
बिन्दु अम्मां और कनक दुर्गा नाम की इन दो महिलाओं ने आखिरखार इस लगभग नामुमिकन काम को अंजाम दे दी दिया था मगर उसके बाद के परिणाम बेहद ही घातक साबित हो रहे हैं।
कनक दुर्गा के मुताबिक, “कई लोगों ने हमें रोकने की और पीछे हटाने की कोशिश की-पुलिस अफसर, हमारे दोस्त क्योंकि वे जानते थे कि हम कितना संघर्ष का सामना कर रहे हैं।”
उनके प्रवेश के बाद, केरल में भारी विरोध देखा गया और उस दिन पूरे दिन सड़को पर हड़ताल की गयी जिसमे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ता भी सक्रीय रूप से शामिल थे।
बिंदु ने कहा-“यह भाजपा सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने सदस्य को विनियमित और नियंत्रित करे।”
कोच्चि के बाहरी इलाकों से अज्ञात स्थान से बोल रही महिलाओं ने कहा कि उन्हें प्रवेश वाले दिन से ही प्रदर्शनकारियों की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है मगर उन्हें प्रशासन पर भरोसा है कि वे उन्हें सुरक्षित अगले हफ्ते तक उनके घर पहुँचा देंगे।
बिंदु ने कहा-“मैं हमेशा कहती हूँ कि मुझे पुलिस अफसरों पर, केरल की राज्य सरकार पर और हमारे केरल के लोकतान्त्रिक समाज पर भरोसा है।”