Tue. May 7th, 2024

यहां प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर जाने के दौरान नौ साल की एक बच्ची के गले में लटकी तख्ती ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। तख्ती पर लिखा था- ‘भगवान अयप्पा, मैं अभी नौ वर्ष की हूं, अब अगली बार 50 वर्ष की होने के बाद इस मंदिर में आऊंगी।’ यह वाक्य मलयालम में लिखा था और इसके नीचे अंग्रेजी में लिखा था- ‘रेडी टु वेट’ (इंतजार करने के लिए तैयार)।

अपने पिता हरिकृष्णा के साथ सबरीमला आई नौ वर्षीय हृदयकृष्णा ने मीडिया से कहा, “यह तीसरी बार है, जब मैं सबरीमला आई हूं और मंदिर की परंपरा के अनुसार, अब मैं तभी आ सकती हूं, जब मैं 50 साल की हो जाऊंगी। इसलिए मैंने तख्ती पहनने का निर्णय लिया।”

केरल के पथानामथिट्टा जिले की पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में 10 से 50 वर्षो की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन पाबंदियों को हटान के बाद भी इन उम्र की महिलाओं का यहां आने को लेकर भारी विरोध जारी है।

बेंगलुरू में रहने वाले केरल के निवासी हरिकृष्णन ने बाद में मीडिया को बताया कि वे सबरीमला मंदिर की परंपरा और संस्कृति को लेकर केवल एक संदेश देना चाहते थे और इसलिए उनकी छोटी बेटी ने अपने गले में यह संदेश लिखी हुई तख्ती पहनी थी।

इससे पहले सबरीमला दो माह के दर्शन के लिए शनिवार को खुला था।

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