राजनीती इन्सान से इन्सान क्या क्या नहीं करवा देती हैं। जिस सत्ता के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में छत्तीस का आकड़ा शुरू हुआ था अब उसी सत्ता के लिए दोनों साथ साथ आ गए हैं। दोनों ने मिलकर गठबंधन की राजनीती शुरू कर दी है। और गुरुवार वाले दिन, उसी गठबंधन को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अब जाकर उनकी गणित सही बैठी है।
अपने गठबंधन की घोषणा के ठीक एक दिन पहले, एसपी प्रमुख ने कहा-“हमने अपनी गिनती, अपने अंकगणित को सही करने का फैसला किया। हमने अपने अंकगणित को सही किया और परिणाम तीन लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव में आया।”
वे लखनऊ में चल रहे #चौपालऑनट्विटर के मौके पर बोल रहे थे। ये नेताओं और समुदाय के बीच बातचीत को बढ़ावा देने के लिए ट्विटर इंडिया और कुछ नेताओं द्वारा की गयी एक पहल है।
गठबंधन के एजेंडा के बारे में ज्यादा कुछ ना बताते हुए यादव ने कहा-“कल होने वाली प्रेस कांफ्रेंस से पहले कुछ भी कहना उपयुक्त नहीं होगा।”
दोनों पार्टियों ने पहली बार गठबंधन की बात पिछले साल मार्च में की और उस वक़्त उन्होंने तीन लोक सभा उपचुनाव और एक विधानसभा उपचुनाव में इसे प्रयोग किया। गठबंधन के आगे, भाजपा ने सारी सीटों को गवा दिया था।
2014 में यूपी की 71 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा के लिए सपा-बसपा गठबंधन एक जबरदस्त विरोध हो सकता है।
दोनों नेताओं ने हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए सीटों के बंटवारे के तौर-तरीकों पर चर्चा की।