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    सऊदी मिसाइल कार्यक्रम की पहली तस्वीर

    सऊदी अरब अपने पहले न्यूक्लियर रिएक्टर का कार्य पूरा करने की तरफ अग्रसर है। हालाँकि इसके साथ ही खतरे का पारा बढ़ गया है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कानून में हस्ताक्षर किये बिना सल्तनत इसे इस्तेमाल कर सकती है। रियाद में स्थित किंग अब्दुलअज़ीज़ सिटी के दक्षिणी पश्चिमी कार्नर में यह अनुसंधान क्षेत्र हैं।

    ब्लूमबर्ग द्वारा प्रकाशित लेख में गूगल अर्थ द्वारा सैटेलाइट की पहली तस्वीर में कोलुमनार वेसल का निर्माण पूरा होने के करीब दिखा रहा है।

    हथियार नियंत्रको ने खतरे की घंटी बजा दी है क्योंकि सऊदी अरब ने अभी तक अंतर्राष्ट्रीय कानूनों पर दस्तखत नहीं किये हैं इससे सुनिश्चित होता है कि सिविलियन परमाणु कार्यक्रम हथियारों के निर्माण के नहीं किया जायेगा।

    आईएईए के पूर्व डायरेक्टर रोबर्ट केले ने कहा कि “देश के पहली परमाणु सुविधा के निर्माण की अधिक सम्भावना को यह तस्वीरें प्रदर्शित कर रही है। इसका मतलब सऊदी अरब को अपना सुरक्षाकर्मी मिलने वाला है।”

    सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि “इस सुविधा के निर्माण का मकसद शांतिपूर्ण  वैज्ञानिक, अनुसंधान, शैक्षिक और प्रशिक्षित गतिविधियों का अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत पालन करना है। इस रिएक्टर का निर्माण पारदर्शोता के साथ किया जा रहा है और सल्तनत से सभी अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार संधियों पर हस्ताक्षर कर रखे हैं। यह सुविधा यात्रियों के लिए खुली है।”

    एक वर्ष पूर्व सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि अगर उनका दुश्मन ईरान बम बनाएगा तो सल्तनत भी वैसा हो करेगी। हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस ने अवैध तरीके से सऊदी को संवेदशील तकनीकों के ट्रांसफर की जांच शुरू की थी और इसके बाद से सऊदी के कार्यक्रम पर फोकस बढ़ गया था।

    अर्जेंटीना को कंपनी आईएनवीएपी एसई ने सऊदी अरब को यूनिट बेचीं थी, जिसकी शुरुआत इस साल के अंत में करने की योजना थी। यह पोत 10  ऊँचा और 2.7 मीटर व्यास वाला है जो अन्य रिसर्च रिएक्टरो की विशेषताओं के साथ मेल खाते है। स्टील के पोत का निर्माण सऊदी अरब में किया गया था। यह यूरेनियम ईंधन से समृद्ध है।

    सऊदी अरब ने हाल ही में आईईएई के कथित प्रोटोकॉल पर दस्तखत किये थे। इसमें परमाणु जांचकर्ताओं को साइट तक पंहुचा का नियम और प्रक्रिया शामिल नहीं है। आईईएई के डायरेक्टर जनरल युकिया अमानो ने कहा कि जांचकर्ताओं की सऊदी अरब की साइट पर अभी पंहुच प्रतिबंधित है क्योंकि सेफ़गार्ड नियमों के तहत अभी इसका विकास किया जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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