Mon. Nov 18th, 2024
    श्रीलंका की संसद का दृश्य

    श्रीलंका में राजनीतिक संकट बरक़रार है और सत्ता की रस्साकसी महिंदा राजपक्षे और रानिल विक्रमसिंघे के बीच जारी है। शुक्रवार को श्रीलंका की संसद के 122 सांसदों ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजक्षे को अदालत में चुनौती दी थी। उन्होंने आदालत में याचिका दायर की कि दो दफा संसद में मतदान प्रक्रिया में हारने के बावजूद वह प्रधानमंत्री पद पर बने हुए हैं। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

    श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने नाटकीय अंदाज़ में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की कमान सौंप दी थी।

    अविश्वास प्रस्ताव

    225 सदस्य सीट वाली संसद में दो दफा विवादित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था हालांकि इस प्रस्ताव को उनके समर्थको ने नकार दिया था। संसद के स्पीकर ने ध्वनिमत के आधार पर राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को मंज़ूर करने की बात कही थी।

    इससे पूर्व भी सांसद राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना के खिलाफ अदालत गए थे। उन्होंने असंवैधानिक तरीके से संसद को भंग कर दिया था। शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि इस याचिका पर अगली सुनवाई 7 दिसम्बर को होगी, तब तक राष्ट्रपति संसद को बहाल करें।

    तमील नेशनल अलायन्स के नेता आर. सम्पन्थान ने जारी बहस पर कहा कि विवादित प्रधानमंत्री के खिलाफ सदन में दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। वह सदन का विशवास जीत लेते हैं तो वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे अन्यथा उन्हें पद का त्याग करना पड़ेगा।

    राजपक्षे के समर्थको द्वारा पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में हुए हंगामे के बाबत उन्होंने कहा कि देश और नागरिकों को सांसदों के दुर्व्यवहार के कारण शर्मिंदगी महसूस हुई है। इस राजनीतिक संकट के कारण श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बुरे दौर से गुजर रहे हैं। श्रीलंका की मुद्रा अमेरिका डॉलर की तुलना में एलकेआर 180 तक की गिरावट दर्ज हुई है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *