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    जानिए क्या कहते हैं शो बीच में ही छोड़ने पर निर्माता और अभिनेता

    हाल ही में, करण पटेल ने शो ‘ये है मोहब्बतें‘ छोड़ दिया था क्योंकि उन्होंने रियलिटी शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भाग लेना था। इससे पहले भी जैस्मिन भसीन ने ‘दिल तो हैप्पी है जी’, किंशुक वैद्य ने ‘कर्णसंगिनी’, दिशा वकानी ने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ और दृष्टि धामी ने ‘सिलसिला बदलते रिश्तो का’ छोड़ दिया था।

    जब ये मुख्य अभिनेता शो छोड़ते हैं तो इससे शो पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है इसलिए आइये जानते हैं कि निर्माता इससे कैसे निपटते हैं और अभिनेताओं का इस पर क्या कहना है।

    अभिनेता के लिए मुश्किल होता है शो छोड़ना 

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    जैस्मिन जिन्होंने हाल ही में शो छोड़ा है, उन्होंने बताया कि ये फैसला जल्दबाज़ी में नहीं लिया गया था। उनके मुताबिक, “उस शो को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है जो कुछ वक़्त के लिए आपका बच्चा रहा हो। लेकिन जब मेरे शो में अचानक लीप आ गया और मेरा किरदार वैसा नहीं रहा जैसा मुझे बताया गया था, मेरे पास और कोई चारा नहीं बचा।”

    “मैंने निर्देशक के साथ इस पर चर्चा की और सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग हो गयी; कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं हुआ क्योंकि चैनल और प्रोडक्शन हाउस की भी अपनी मजबूरियां हैं। दोनों पक्षों से पूरी ईमानदारी थी, इसलिए मुझे कोई पछतावा नहीं है।”

    पेशेवर तरीके से निकले शो से बाहर 

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    अक्सर अभिनेता बेहतर अवसर, शादी या मातृत्व के लिए शो छोड़ देते हैं लेकिन टीवी निर्माताओं का कहना है कि उन्हें ठीक तरीके से नोटिस देकर शो छोड़ना चाहिए। ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के निर्माता राजन शाही ने कहा-“पिछले 11 वर्षों में, ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ प्रमुख अभिनेताओं ने शो छोड़ दिया, या मैंने उन्हें छोड़ने के लिए कहा।”

    “उनमें से कुछ अव्यवसायिक तरीके से छोड़ देते हैं, जो कभी भी नहीं होना चाहिए। अपने व्यक्तिगत अनुभव से, मैं कह सकता हूँ कि आमतौर पर यह उन अभिनेताओं का काम होता है जिन्होंने पहली बार सफलता का स्वाद चखा है, जो इस तरह से व्यवहार करते हैं। अनुभवी अभिनेता, जिन्होंने सफलता के साथ-साथ नाकामयाबी भी देखी है, वे अधिक सावधान हैं।”

    कड़े अनुबंध की है आवश्यकता

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    वैसे तो अभिनेताओं के अनुबंध में लिखा होता है कि उन्हें एक महीने का नोटिस पूरा करना है, कभी कभी उसका उल्लंघन कर दिया जाता है। इसलिए ‘भाभीजी घर पर हैं‘ की निर्माता बिनैफर कोहली कड़े अनुबंध पर जोर देती हैं। उनका कहना हैं-“मैं अभिनेताओं की विकास की जरुरत का सम्मान करती हूँ, लेकिन अगर कोई अपने क्षुद्र अहंकारी लाभ आदि के लिए एक शो को खतरे में डालता है, तो स्पॉट बॉय और लाइटमैन का ख्याल कौन रखेगा अगर वे अपनी नौकरी खो देते हैं तो? एक निर्माता के रूप में, मैं उनके लिए जिम्मेदार हूँ। यही कारण है कि मैं अनुबंधों के साथ बहुत सख्त हूँ और इसके लिए अपनी आलोचना से भी नहीं डरती। जब हमारी एक प्रमुख कलाकार सौम्या टंडन ने मातृत्व के लिए एक लंबा ब्रेक लिया, तो हमने उनका इंतजार किया। वह पूरी तरह से पेशेवर हैं और ऐसे लोगों के साथ काम करना एक खुशी की बात है।”

    रचनात्मक टीम रखती है टीआरपी का ध्यान 

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    ‘ये है मोहब्बतें’ के रचनात्मक निर्देशक संदीप सिकंद ने कहा-“अभिनेताओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन एक व्यक्ति की तुलना में शो बड़ा है। हम लेखकों के योगदान को कम आंकते हैं, जो किरदार बनाते हैं। मुख्य अभिनेताओं ने असंख्य बार शो छोड़ा है, लेकिन सुनिश्चित करने के लिए ये रचनात्मक टीम पर निर्भर है कि कहानी सुचारू रूप से आगे बढ़े और रेटिंग को नुकसान न पहुंचे।”

    बिनैफर ने कहा-“दर्शकों को कुछ शो और किरदार पसंद होते हैं। चाहे वह तुलसी हो, गोपी हो या अंगूरी, हमेशा अच्छे लिखे गए किरदारों को पसंद किया जाएगा, फिर चाहे वो कोई भी निभाए।”

     

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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