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    चीनी यूनिवर्सिटी के कानून शिक्षक

    चीन की यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुखर आलोचना के बाद लाइमलाइट में आये थे। प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है और उनसे शिक्षा के सभी अधिकार विभागों ने छीन लिए हैं।

    साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के मुताबिक बीजिंग की त्सिंघुआ यूनिवर्सिटी में कानून विषय के शिक्षक सु झंगरुन को इस माह के शुरुआत में पद से निलंबित कर दिया गया था।

    सोशियोलॉजी के प्रोफेसर और सहकर्मचारी गुओ युहुआ ने कहा कि “प्रोफेसर ने राष्ट्रपति की कट्टर नीतियों की कई लेखों में आलोचना की थी। विश्विद्यालय ने प्रोफेसर को निगरानी के अंतर्गत रख दिया था।”

    साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, बीते वर्ष के लेख में प्रोफेसर ने राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए लिखा था “वह व्यक्तिगत पंथ को बढ़ावा दे रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रपति कार्यकाल को वापस सीमित करने की मांग की थी। जिसे नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने रद्द कर दिया था।

    56 वर्षीय प्रोफेसर ने साल 1989 में हुए तिनमेन स्क्वायर आज़ादी के समर्थन में हुए प्रदर्शनों की आधिकारिक समीक्षा की भी मांग की थी। इस प्रदर्शन को सुरक्षा बलों ने बेहद बेरहमी से कुचल दिया था। यह आर्टिकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।

    गुओ के मुताबिक “प्रोफेसर ने कहा था कि उसे शिक्षा देने और अनुसंधान गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति नहीं दी गयी है, जबकि यूनिवर्सिटी ने एक आधिकारिक जांच संचालित की थी। निलंबन अवधि के दौरान सु पर नए छात्रों को शिक्षा देने पर पाबंदी लगाई गयी है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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