शिरोमणि अकाली दल ने गुरूवार को भाजपा के साथ हरियाण मे गठबंधन करने के साथ ही घोषणा की कि वह राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से किसी पर भी चुनाव नही लड़ेगी। इसके बजाय भाजपा को सभी सीटों पर समर्थन करेगी।
दोनों पार्टियों ने पड़ोसी राज्य पंजाब में गठजोड़ कर हरियाण विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ने का फैसला किया हैं। पंजाब और हरियाणा के साथ अकाली दल उत्तराखंड में भी भाजपा के साथ चुनाव लड़ रही हैं। इंडियन नेशनल लोक दल से राजनीतिक संबंध खत्म होने के साथ यह पहला मौका हैं जब अकाली दल ने बिना किसी शर्त के भाजपा के साथ गठबंधन किया हैं।
भाजपा और अकाली के गठबंधन पर फैसला आम आदमी पार्टी और अनुभवहीन जननायक जनता पार्टी के 12 मई को होने वाले चुनाव के लिए गठबंधन के घोषणा के बाद आया था।
पिछले साल अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा था की पार्टी हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पार्टी इन चार्ज बलविंद्र सिंह भूंदड ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए भाजपा के साथ गठबंधन पर फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों का लक्ष्य एनडीए सरकार को बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी का हैं।
भूंदड ने कहा कि हम एक या दो सीट पर लड़ना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा ने कहा कि वह आठ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार पहले ही उतार चुकी हैं। इसलिए, हम ने निर्णय किया हैं कि लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय भाजपा को समर्थन करने का।
उन्होंने कहा जैसा कि, हरियाणा विधानसभा चुनाव जोकि अक्टूबर में होने ने हैं, भाजपा कुछ सीटें हमारे लड़ने के लिए छोड़ेगी। बाकी बाते बाद में तय होंगी।