Mon. Dec 23rd, 2024
    भारत में कैद पाकिस्तान मुल्क के नागरिक

    पाकिस्तान के दो नागरिकों मोहम्मद इमरान वारसी और अब्दुल्लाह शाह को बुधवार को वापस उनके मुल्क भेज दिया गया है। हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के हामिद अंसारी को छह साल की कैद के बाद वापस लौटाया था।

    मोहम्मद इमरान वारसी भारत में अपनी दूर की कजिन के साथ शादी करने के लिए आया था, वहीँ अब्दुल्लाह अपने सपनों के हीरो और बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान से मुलाकात के लिए हिंदुस्तान आये थे। वगाह बॉर्डर को दोनों व्ताक्तियों को सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने पाकिस्तानी सैनिकों के सुपुर्द कर दिया था।

    अब्दुल्लाह शाह ने बीते वर्ष अट्टारी-वगाह बॉर्डर को गैर कानूनी तरीके से पार किया था, वह अपने पसंदीदा बॉलीवुड स्टार शाहरुख़ से मुलाकात करने के लिए भारत आये थे। अमृतसर जेल के अधीक्षक अर्शदीप सिंह गिल ने कहा कि मई 2017 में सीमा पर आयोजित ध्वज उतारने के समारोह के बाद अट्टारी- वगाह से अवैध तरीके से भारत में घुस गया था। उसने दावा किया कि वह अपने सपनों के हीरो शाहरुख़ खान से मुलाकात करने के लिए भारत आया था।

    प्रत्यर्पण से पूर्व अब्दुल्लाह ने कहा कि “मैं भारत दोबारा आऊंगा, और इस बार कानूनी तरीके से प्रवेश करूँगा क्योंकि अभी सुपरस्टार से मिलने का मेरा सपना पूरा नहीं हुआ है।” अब्दुल्लाह ने कहा किंरित्सर जेल में मेरे साथ परिवार की तरह व्यवहार किया गया था।

    वारसी के सास-ससुर कोलकाता के निवासी है और साल 2008 में उन्होंने वारसी को जाली दस्तावेजों से भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वारसी अपने ससुर की संपत्ति में हिस्से की मांग कर रहा था। वह भारत एक वैध वीजा पर आया और उसने एक भारतीय महिला साजिया से साल 2003 में निकाह कर लिया था।

    इस जोड़े का हाल में दो बेटे, 13 वर्षीय फरहान और 11 वर्षीय कुर्बान है। वारसी का परिवार पाकिस्तान में हैं और वे वारसी को मृत समझते थे। वारसी ने कहा कि इस वक्त मेरे लिए अपने परिवार को पाकिस्तान ले जाना संभव नहीं है, लेकिन मैं यह कानूनी तरीके से करूँगा। वारसी ने कहा कि मैं भारत में नहीं रहना चाहता, जहां मुझे में रिश्तेदारों ने धोखा दिया है।

    वारसी ने बताया कि पाकिस्तानी पासपोर्ट की उपेक्षा और वीजा की अंतिम तिथि के कारण उन्होंने भारतीय पासपोर्ट लेने की कोशिश की थी। वारसी ने कहा कि साल 2008 में वह जाली पासपोर्ट और राशन कार्ड के साथ भोपाल आ गए थे। मैंने अपने ससुर की संपत्ति में हक़ की मांग की थी, लेकिन मेरी पत्नी के घरवालों ने पुलिस को इत्त्लाह कर दिया था।

    कोलकाता में वारसी के सास ससुर और ससुराल वालों तक पुलिस नहीं पंहुच पायी थी। वारसी पर धोखाधड़ी का आरोप सिद्ध हो गया था और उसे 10 साल के कारावास की सज़ा हुई थी। वारसी ने कहा कि पाकिस्तान में मेरे परिवार को यकीं नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूँ, रिहाई के बाद मैंने अपनी मां को फोन किया, उन्होंने मेरा निकनाम पूछा और तब जाकर उन्हें यकीन हुआ।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *