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    शत्रुघन सिन्हा को आखिरकार मिल ही गया भाजपा से जवाब: छोड़ दो अगर तुम्हे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा है तो

    पटना साहिब से भाजपा सांसद और एक अनुभवी नेता शत्रुघन सिन्हा ने बार बार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयां दिया है मगर अब अपने इसी कदम के लिए उनपर खतरा मंडरा सकता है। बार बार आलोचना सुनने के बाद, आखिरकार भाजपा ने उन्हें पार्टी छोड़ देने का सुझाव दे दी दिया।

    और ये सुझाव आया है बिहार के डिप्टी सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशिल कुमार मोदी की तरफ से जिन्होंने कहा कि सिंह, ‘यशवंत सिन्हा की बुरी सांगत’ में पड़ गए हैं।

    मंगलवार को टीवी चैनल द्वारा आयोजित एक समारोह में मोदी बोल रहे थे। उनके मुताबिक, “शत्रुघन सिन्हा मेरे भी आइकॉन हैं मगर जिस तरफ वे भाजपा को निशाना बना रहे हैं, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। जिस पार्टी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया, दो बार राज्य सभा का सदस्य बनाया और दो बार लोक सभा का, उन्ही के बारे में वे हर तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।”

    उन्होंने आगे कहा-“भाजपा सबसे ज्यादा शर्मिंदा तब हुई जब वे पार्टी, नोटबंधी और जीएसटी की आलोचना करने के बाद, लालू प्रसाद यादव जैसे विपक्षी नेता से भी मिलने लगे। वे लालू प्रसाद से मिले और उनके बेटे को बिहार के सीएम की तरह पेश करना शुरू कर दिया।”

    आगे उनकी लोकप्रियता पर ऊँगली उठाने की हिम्मत करते हुए उन्होंने कहा-“पिछले संसदीय चुनावों में उन्हें जीत भाजपा नेताओं जैसे नन्द किशोर यादव, संजीव चौरसिया, अरुण कुमार सिन्हा और नितीश नवीन के संयुक्त प्रयास की वजह से मिली।”

    मोदी जिनका नाम पटना साहिब से संभावित भाजपा उम्मीदवार के रूप में लिया जा रहा है, उन्होंने फैसला पार्टी के ऊपर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा-“अगर पार्टी फैसला लेती है तो मैं लडूंगा। अगर नहीं, तो मैं भी नहीं। मैं भाजपा में ही पैदा हुआ था और इसी पार्टी में ही मरूंगा।”

    मोदी जिन्होंने 2004 में भागलपुर से लोक सभा चुनाव जीता था, उन्हें बाद में नितीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में 2005 में उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था।

    उन्होंने 2019 में पटना साहिब से चुनाव लड़ने के अपने इरादे की भी घोषणा की मगर ये नहीं बताया कि क्या वे कोई और पार्टी से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा-“भाजपा ने मुझे टिकट नहीं दिया था। मैंने खुद लिया है। और मैं पटना साहिब से दोबारा लडूंगा। स्थान (निर्वाचन क्षेत्र) एक ही होगा, भले ही स्थिति अलग हो।”

    सिन्हा धीरे धीरे भाजपा से बग़ावत शरू कर रहे हैं। वे अपनी पार्टी के ही नेताओं पर आये दिन राष्ट्रीय और राज्य मुद्दों को लेकर भड़कना शुरू कर देते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पेट्रोल के बढ़ते दाम, नोटबंधी, राफेल सौदा और विजय माल्या मामले को लेकर निशाना बनाया है।

    वही दूसरी तरफ, वे विपक्षी पार्टियों के साथ भी गहरे सम्बन्ध बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वे 2019 के लिए राजद की तरफ से पटना साहिब से चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसी बाते तब बनी जब उन्होंने तेजस्वी यादव की तारीफ में कहा कि वे एक ‘बहुत परिपक्व नेता’ हैं और यादव ने भी पलट कर कहा कि ‘चाचा(सिन्हा) उनके साथ हैं’।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    One thought on “शत्रुघन सिन्हा को आखिरकार मिल ही गया भाजपा से जवाब: छोड़ दो अगर तुम्हे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा है तो”
    1. Abhi chullu bhar paani me doob mro… Filmy dunia me jo hota hai wo politics me nhi chalega… Tum logo ne yeh socha ki hum bol denge or wo ho jayga… Tum logo ki bakwas filmy dunai me chalegi… Rajniti me nhi… Election jitne ke liye tum ne pehle MODI JI ko bura kha,,, fir unko ansap shnaap bola… Khate fir bhi tum Modi ji ka he ho… Ab itni bdi insult ho gai… Election haar gye… Tum jaise kuj log dirty politicians hai … Jo apne fayde ke liye APNI family ko bhi daav par lga dakte ho… Ab Jaao jaake laalu ke saath chara khao… Or uske talve chaato

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