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    वेनुजुएला का संकट

    वेनुजुएला आर्थिक और राजनितिक संकट से जूझ रहा है और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ माहौल बना हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टों ने सख्त लहजे में भारत सहित सभी देशों को वेनुजुएला से तेल खरीदने पर चेतावनी दी है।

    रायटर्स के मुताबिक हाल ही में वेनुजुएला के तेल मंत्री और तेल कंपनी पीडीवीसीए के अध्यक्ष मानुएल केवडो ने कहा कि “प्रतिबंधों से देश की सेहत बिगड़ रही है और भारत जैसे देशों को तेल निर्यात में इजाफा करना चाहिए।” अमेरिका ने पीडीवीसीए पर तेल निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगा रखे हैं, ताकि समाजवादी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाकर सत्ता से बहार किया जा सके।

    अमेरिका ने लैटिन अमेरिकी कंपनी से निर्यात को बंद कर दिया है इसलिए कंपनी अन्य बड़े देश मसलन, भारत और चीन को तेल अधिक मात्रा में निर्यात करने की सोच रहे हैं। ग्रेटर नॉएडा में सोमवार को हुई बैठक के बाद केवेदो ने पत्रकारों से कहा कि “भारत के हमारे और ओपेक के अन्य सदस्यों के साथ अच्छे और स्वस्थ रिश्ते कायम रहे हैं और यह जारी रहेंगे।हम सभी उपभोक्ता देशों के साथ बातचीत और सम्बन्ध जारी रखेंगे ताकि स्थिरता और सन्तुलन कायम रहे।”

    उन्होंने कहा कि “हम भारतीय खरीददारों को प्रति दिन 300000 बैरल से अधिक तेल निर्यात करते हैं। अमेरिका ने 20 अरब डॉलर का तेल में नुकसान किया है।” भारत के तेल आपूर्तिकर्ताओ में से वेनुजुएला भी है। विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत है।

    अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि “जो राष्ट्र और कंपनियां मजदूरों की चोरी को छिपाने का भरसक प्रयास कर रही है, उसे भूला नहीं जा सकेगा। वेनुजुएला की जनता की संपत्ति को बचने के लिए अमेरिका अपनी सभी ताकत झोंक देगा और हम सभी देशों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”

    वेनुजुएला के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार को ‘चरमपंथियों का गुट’ कहा था और अमेरिका पर संकट का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार और मानवधिकार उल्लघन के आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने वेनुजुएला के विपक्षी दल के नेता को देश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। हालाँकि भारत अमेरिकी राह पर नहीं चल रहा है। भारत और वेनुजुएला के काफी नजदीकी सम्बन्ध है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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