Sat. Nov 23rd, 2024

    Tag: भारत-भूटान सम्बन्ध

    भारत भूटान सम्बन्ध

    दक्षिण एशिया का छोटा देश भूटान व भारत खास पडोसी देश है। दोनों देशों के बीच में भौगोलिक और सामाजिक-सांस्कृतिक निकटता है। 1910 में ब्रिटिश द्वारा हस्ताक्षरित भूटान के साथ पुनाखा की संधि के बाद के समय में भारत-भूटान संबंध की नींव रखी गई। नेपाल व भूटान दोनो देश ही भारत के मुख्य पडोसी देश है। भारत व भूटान के बीच में खुली सीमा है। द्विपक्षीय भारतीय-भूटान समूह सीमा प्रबंधन और सुरक्षा की स्थापना दोनों देशों के बीच सीमा की सुरक्षा करने के लिए स्थापित की गई है।

    भारत की आजादी के बाद से ही भारत व भूटान हर समय मे साथ खडे रहने वाले दोस्त की तरह रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भूटान जैसे छोटे हिमालयी देश के प्रवेश का समर्थन भी भारत द्वारा ही किया गया था। जिसके बाद से इस देश को भी संयुक्त राष्ट्र से विशेष सहायता मिलती है। दोनों के बीच अधिकतर समय तक द्विपक्षीय संबंध मजबूत ही रहे है।

    भूटान का भू-राजनीतिक महत्व

    भूटान की भौगोलिक स्थिति के कारण ये दुनिया के बाकि हिस्सों से कटा हुआ था। लेकिन हाल ही मे भूटान ने दुनिया में अपनी जगह बना ली है। हाल के दिनों के दौरान भूटान ने एक खुली-द्वार नीति विकसित की है। दुनिया के कई देशों के साथ राजनीतिक संबंधों को भी इस देश के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। भूटान के 52 देशों और यूरोपीय संघ के साथ राजनयिक संबंध है।

    साल 1971 के बाद से ही भूटान संयुक्त राष्ट्र में सदस्य भी है। हालांकि भूटान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के साथ औपचारिक संबंध नहीं रखता है। लेकिन भूटान सबसे निकटता सिर्फ भारत के साथ ही रखता है। भारत के साथ भूटान मजबूत आर्थिक, रणनीतिक और सैन्य संबंध रखता है। भूटान सार्क का संस्थापक सदस्य है। यह बिम्सटेक, विश्व बैंक और आईएमएफ का सदस्य भी बन चुका है।

    भारत भूटान

    भारत भूटान संधि

    भारत और भूटान ने 8 अगस्त 1949 को दार्जिलिंग में शांति और मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किए थे। हिमालयी देश की भारत को सुरक्षा प्रहरी के रूप मे मानता है। भारत भूटान संधि को भूटान की विदेश नीति के तौर पर देखा जाता है। जब 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा जमाने की कोशिश की थी तो भूटान ने चीन को संभावित खतरे के रूप मे देखा। इससे भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिली। मैत्री संधि के मुताबिक भूटान को विदेशी संबंधों के मामलों में भारत को शामिल करना होता था।

    लेकिन साल 2007 में इसमें संशोधन किया गया। इसके मुताबिक अब सिर्फ भारत के हितों संबंधी मामलों पर ही भूटान भारत की राय लेगा। संशोधित मानदंडों के तहत भूटान को अब हथियार आयात करने पर भारत की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।

    भारत भी संप्रभुता और लोकतंत्र के प्रति भूटान की प्रगति का समर्थन करता है। इस संधि से भारत व भूटान के बीच में शांति व सतत व्यापार को भी बल मिलता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भूटान व भारत के बीच में संबंध अधिक मजबूत हुए है।

    व्यापार एवं वाणिज्य

    इंडो भूटान बॉर्डर

    भूटान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से जल विद्युत निर्यात पर निर्भर करती है। सार्क देशों में मालदीव के बाद भूटान की प्रति व्यक्ति आय दूसरे नंबर पर है। भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी भारत ही रहा है। 1961 में भूटान की पहली पंचवर्षीय योजना के बाद से ही भारत लगातार वहां पर वित्तीय निवेश कर रहा है।

    भारत 1020 मेगावाट की तला हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट, 336 मेगावाट की चुखा जलविद्युत परियोजना, पेंडन सीमेंट प्लांट, पारो हवाई अड्डे, भूटान प्रसारण स्टेशन सहित अनेक परियोजनाओं में भारत प्रमुख रूप से सहयोग कर रहा है। भारत व भूटान के बीच मुक्त व्यापार समझौता साल 1972 में हुआ था। भूटान भारत से करीब 80 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं का आयात करता है।

    भारत-भूटान संबंधों में नई चुनौतियां

    भारत व भूटान मजबूत पडोसी देश है। भारत हरसंभव अपने पडोसी देश की मदद करता है। लेकिन अब भूटान जैसा छोटा देश भी दुनिया मे अपनी खुद की पहचान विकसित कर रहा है। भूटान भारत के अधीन रहने वाला देश नहीं है। भूटान धीरे-धीरे भारत पर निर्भरता कम कर रहा है। भारत-भूटान मैत्री संबंधों का चीन द्वारा विरोध किया जाता है।

    भारत भूटान संबंध

    संधि के अनुच्छेद 2 के मुताबिक भारत भूटान के प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और बाद में उसके बाहरी संबंधों में सलाह जरूर से दे सकता है। इसका ही चीन द्वार विरोध करके भारत को छोटा पडोसी प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन डोकलाम विवाद के समय में भूटान का प्रमुख सहयोगी एकमात्र भारत ही रहा था जिसने पडोसी देश की रक्षा के लिए चीन का विरोध किया।

    सम्बंधित: डोकलाम विवाद कैसे सुलझा?

    भारत-भूटान सम्बन्ध से जुड़ी खबरें:

    द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों विस्तार को रजामंद भारत और भूटान

    हाइड्रोपॉवर सेक्टर से आगे बढ़कर भारत और भूटान अब नए क्षेत्रों में विस्तार के लिए रजामंद है। इसमें स्वास्थ्य सुविधाए, शिक्षा, विज्ञान और तकनीक शामिल है। हमारे संबंधों का मूल…

    पीएम मोदी पंहुचे भूटान, गार्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया

    भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भूटान की दो दिवसीय अधिकारिक यात्रा पर पंहुच चुके हैं। मोदी का स्वागत भूटानी समकक्षी लोटाय तशेरिंग और अन्य अधिकारियों ने पारो अंतरराष्ट्रीय…

    विदेश मंत्री जयशंकर ने भूटानी प्रधानमंत्री से की मुलाकात

    भारत के विदेश म्नत्री एस जयशंकर को भूटान के प्रधानमंत्री लोटय त्शेरिंग ने शुक्रवार को तशोकहंग में मुलाकात के लिए बुलावा भेजा था। जयशंकर ने विदेश विभाग का प्रभार सँभालने…

    जयशंकर पहुंचे भूटान, प्रधानमंत्री शेरिंग से मिले

    नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| विदेश मंत्री एस. जयशंकर भूटान के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने वहां प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग से शुक्रवार को मुलाकात की और उनसे दोनों देशों…

    विदेश मंत्री जयशंकर पहली आधिकारिक यात्रा पर भूटान जायेंगे

    भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पहली यात्रा पर भूटान का दौरा करेंगे। वह दो दिवसीय दौरे की शुरुआत शुक्रवार से करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि…

    भूटान के प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने पहुंचे दिल्ली

    भूटान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोटय त्शेरिंग गुरूवार को अपने भारतीय समकक्षी नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने राष्ट्रपति भवन पंहुच चुके हैं। एयरपोर्ट पर उनका इस्तकबाल विदेश…

    भूटान नरेश, प्रधानमंत्री लोटय त्सेरिंग ने मोदी को बधाई दी

    नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)| भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और वहां के प्रधानमंत्री लोटय त्सेरिंग ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है।…

    भारत के बाद भूटान भी करेगा चीन की बेल्ट एंड रोड सम्मलेन का बहिष्कार

    भारत ने चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के दूसरे सम्मेलन में शामिल होने से इंकार कर दिया है। हालाँकि भारत के पडोसी देशो मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया…

    भूटान में रुचिरा कम्बोज बनी भारतीय राजदूत

    भूटान में भारतीय राजदूत के पद को रुचिरा कम्बोज को सौंप दिया है। वह अभी दक्षिण अफ्रीका में भारत की राजदूत है और साल 2017 से इस पद पर बरकरार…

    राहुल गांधी ने की भूटानी प्रधानमंत्री से मुलाकात

    भूटान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोटाय त्शेरिंग अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा भारत मे हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूटान के पीएम त्शेरिंग से शनिवार को मुलाकात को थी।…