मिताली राज ने साल 1999 में अंतरराष्ट्रीय मैचो में अपना डेब्यू किया था लेकिन दो दशक के बाद भी भारतीय टीम की कप्तान में कोई बदलाव नही आया है। शुक्रवार को, राज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे मैच के दौरान 200वां एकदिवसीय मैच खेला था, जिसके बाद वह महिला क्रिकेट में 200वां मैच खेलने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई थी, लेकिन उनका कहना है कि यह उनके लिए बस नंबर है।
36 साल की दिग्गज खिलाड़ी पहली ऐसी महिला खिलाड़ी बनी है जिन्होने एकदिवीसय प्रारूप में 200 मैच पूरे कर लिये है। अपने इस मुकाम पर उनका कहना है, ” 200 मेरे लिए बस एक संंख्या है लेकिन इतनी दूर आकर अच्छा लगता है।”
मिताली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2-1 से सीरीज जीतने के बाद कहा, “जब से हमने साल 1999 में आईसीसी महिला क्रिकेट परिषद में अपना पदार्पण किया है मैंने दुनियाभर में महिलाओ के क्रिकेट में परिवर्तन देखा है। आईसीसी के अंडर में आने पर हम बदलाव देख सकते है। मैं खुश हूं कि मैं इतने लंबे समय तक अपने देश का प्रतिनिधत्व कर पा रही हूं।”
मिताली ने कहा, “जब मैंने शुरूआत की थी मुझे नही लगता था मैं इतनी दूर तक जा पाऊंगी। शुरूआत से, मेरा लक्ष्य था कि भारतीय टीम की जर्सी पहनू, टीम के मुख्य सदस्य में से एक होकर मैंने कभी यह नही सोचा था कि मैंने कभी यह नहीं सोचा था की मैं इतनी दूर तक खेल पाऊंगी।”
उन्होने कहा, ” जब आपके पास एक लंबा करियर होता है, तो आपके पास अलग-अलग तत्व और तर्क होते है जो कारक में आते है।”
आगे उन्होने कहा, ” लेकिन एक चीज लगातार मेरे खेल को बदलने और अलग-अलग परिस्थितियों, मेरे खेल के विभिन्न क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रखने की कोशिश करने के लिए बदल गई है।”
राज ने उन क्षेत्रों पर भी जानकारी दी जिनसे उन्हें लगा कि वर्तमान भारतीय पक्ष को सुधारने की आवश्यकता है। सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर की जरूरत को दोहराते हुए उन्होंने कहा, “जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहे होते हैं, तो उन्हें तेज गेंदबाजों से अधिक समर्थन की जरूरत होती है।”