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    सुनील छेत्री

    भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान गुरूवार को टाइम्स ऑफ इंडिया के मुबंई हैडक्वार्टर में खुले मूड में दिखाई दिए और वहा से उन्होने कई चीजो के बारे में बात की। जिसमें उन्होनें एशियन कप में मिली हार, कोच कॉन्सटेंटाइन के साथ अपने आत्मीयता और भारत के कप्तान विराट कोहली के साथ अपने संबंध के बारे में बात की-

    आपने हमेशा विश्व कप को लक्षित करने से पहले महाद्वीपीय स्तर पर भारत को एक सभ्य प्रतिद्वंद्वी होने की आवश्यकता बताई। हम 2019 एशिया कप में नॉकआउट स्टेज के बहुत करीब आकर बाहर हो गए थे। यह हमारे लिए कितना आवश्यक है कि में विश्वकप से पहले एशिया में कड़े प्रतिद्वंद्वीयों के खिलाफ मैच खेलने होंगे? 

    यह बहुत महत्वपूर्ण है, एक टीम के रूप में खुद का विशेलेषण करने के लिए, जिससे यह पता लग जाता है कि तुम्हारी टीम कहा स्टैंड करती है। हमें केवल वास्तव में साफफ कप जीतकर खुश नही होना चाहिए। अन्य टीमो को बिना नीचा दिखाए, साफ कप जीतना हमारे लिए अंडर-19 औऱ अंडर-23 कप जीतने जैसा होना चाहिए, जहां आप ऐसे खिलाड़ियो को मौका देते हो जिन्हे ज्यादा मौको पर खेलने का मौका नही मिलता। हमारी सीनियर टीम को उस टीम को टारगेंट करना चाहिए जो एशिया में 7 से 15 के बीच है। इस प्रकार ही हम यह जान पाएंगे की हम कहा स्टैंड करते है।

    क्या आप से अकसर यह पूछा जाता है क्या भारत कब अपना विश्वकप खेलेगा?

    प्रशंसक जो भारतीय फुटबॉल के बारे में ज्यादा नही जानते अधिकतर वह यह पूछते है कि भारत विश्वकप के लिए कब क्वालिफाई करेगा। ऐसे सवाल आते रहेंगे लेकिन हमारे लिए जो जरूरी है औऱ जो हमें समझते है, सही यह रहेगा की हम एशिया की बेहतर टीमो के साथ मुकाबला करे।

    क्या विराट तुम्हारे साथ नियमित टच में रहते है क्योंकि वह एक फुटबॉल फैन है?

    हां, ज्यादातर बाते हमारी फुटबॉल, डाइट– मुझे नही पता की उन्होने कब घोषणा की लेकिन अब वह शाहकारी है। मैं भी शाहकारी बन गया हूं। यह महान है और बहुत अच्छ अहसास है। मैंने यह इसलिए छोड़ा क्योंकि मुझे जानवरो से प्यार है। करीब 2000 लेंब खाकर मुझे यह नही कहना चाहिए। लेकिन मेरी उम्र अब इस छोड़कर वसूली करने की है।

    क्या तुम्हे शाकाहारी बनने के लिए विराट कोहली ने मनाया है? 

    हमने इस बारे में करीब छह महीने पहले बात की थी। वह छह महीने में एक बार करते है। जिसके लिए मैंने उनका मजाक बनाया था। जब हम दोनो स्टार स्पोर्ट्स के लिए प्रोगाम में जुड़े थे तो उन्होने उस वक्त खाने में इडली मंगवाई थी तो मैंने उनसे पूछा था तुम्हारे साथ क्या गलत हुआ। उनकी पत्नी भी शाहकारी है। और वह अपनी डाइट को बदलने के बाद भी अपनी फार्म में निरंतर है। वह एक ऐसे खिलाड़ी है जो अविश्वसनीय है। जो वह करते है वह कोई आसान काम नही है।

    आप ने अबतक राष्ट्रीय टीम से तीन विदेशी कोचो के अंडर में खेला है- बॉब हगटन, विम कोवरमेन्स और स्टीफन कॉन्सटेंटाइन। आप उनके आकार के गठन का विशलेषण कैसे करेंगे?

    मुझे लगता है अगर विम अभी आते तो वह बेहतर कर सकते थे। वह उस समय आये जब लीग में हर खिलाड़ी गेंद के लिए इंतजार करता था। अगर विम अब आते जब बहुत से खिलाड़ी आई-लीग और आईएसएल खेल रहे है और गेंद अपने पास आने दे रहे और गेंद को पास करना सीख रहे है, इस प्रकार ही ट्रेनिंग विम देना चाहते थे। उन्होने अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा करना चाहा, लेकिन उस समय गेम में बदलाव लाना आसान नही था। इसलिए यह काम नही कर पाया।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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