Mon. Dec 23rd, 2024
    विलेज रॉकस्टार

    मोशन पिक्चर और कला विज्ञान अकादमी (The Academy of Motion Picture Arts and Sciences) ने सोमवार को सबसे अच्छी विदेशी फ़िल्मों की सूची ज़ारी की है। रीमा दास की फ़िल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ भारत के तरफ से नामांकित की गई थी जो इस सूची में जगह नहीं बना पाई है।

    बर्ड्स ऑफ़ पैसेज (कोलंबिया), द गिल्टी (डेनमार्क), नेवर लुक अवे (जर्मनी), शॉपलिफ्टर(जापान), आयका(कज़ख्स्थान), कार्पेनौम (लेबनान), रोमा (मेक्सिको), कोल्ड वार( पोलैंड) बर्निंग(साउथ कोरिया) जैसी फ़िल्में चयनित की गई हैं।

    91वें अकादमी पुरस्कार के लिए दुनियाभर से 87 फ़िल्में नामांकित की गई थीं। भारत की फ़िल्म ‘विलेज रॉकस्टार’ ने  इस साल राष्ट्रिय पुरस्कार समारोह में 4 पुरस्कार जीते थे जिनमें बेस्ट फीचर फ़िल्म, बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट, बेस्ट लोकेशन साउंड रिकार्डिस्ट और बेस्ट एडिटिंग पुरस्कार शामिल थे।

    ‘विलेज रॉकस्टार’ को भारत की ओर से ऑस्कर के लिए चयनित करने के बाद फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सदस्य एस वी राजेन्द्र सिंह बाबु ने भारतीय फ़िल्मों के ऑस्कर से बाहर होने के तीन करण बताए थे। उन्होंने कहा था कि, “बहुत सारी भारतीय फ़िल्में वहां पहुचती हैं पर  उनके नियमों और दृष्टीकोण की बदौलत यह कामयाब नहीं हो पाती हैं।

    हमारी फ़िल्में योग्य हैं। जो भी फ़िल्म यहाँ से चयनित की जाती है उसे ऑस्कर में अच्छे से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। और उसके लिए बहुत से पैसों की आवश्यकता होती है।

    जब एक फ़िल्म वहां जाती है तो कम से कम हमें 2 करोड़ रूपये फ़िल्म का प्रचार करने के लिए चाहिए होते हैं। वहां और भी कई नियम हैं जिन्हें हम पूरा नहीं कर पाते। पैसे की भी काफी कमी पड़ जाती है जिसके कारण यह सब नहीं हो पाटा है।”

    यह भी पढ़ें: 2018 के वे किरदार जिन्होंने मुख्य भूमिका में न होते हुए भी सारी वाहवाही लुट ली

    By साक्षी सिंह

    Writer, Theatre Artist and Bellydancer

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *