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    विराट कोहली
    ऑस्ट्रेलियाई महान क्रिकेटर रिकी पोंटिंग, जो अब दिल्ली कैपिटल्स के कोच है, उन्होने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कई मुद्दो पर बात की है, जिसमें उन्होने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के हालिया ब्रेकडाउन और संभावित पुवरुत्थान का विशलेषण, विराट कोहली की सफलता के रहस्य और युवा आईपीएल सितारो के बारे में बात की है-

    एक कप्तान या खिलाड़ी के रूप में उच्च दबाव दौरे पर आने के विपरीत, यह आईपीएल कोचिंग असाइनमेंट पर भारत में कितना अलग है?

    मुझे नही लगता एक कोच के रूप में मेरे ऊपर कोई दबाव है। आईपीएल भी एक उच्च दबाव का वातावरण है। एक कोच के रूप में जिसे अधिकस सफलता नही मिली है, शायद हमारे ऊपर और आरसीबी जैसी टीमों पर अधिक दबाव है जो वास्तव में आईपीएल में अबतक हावी नजर नही आए।

    विश्व कप के अब कुछ ही महीने दूर है, कार्यभार प्रबंधन के बारे में शीर्ष टीमों के बीच बहुत चर्चा है। आपका काम कितना मुश्किल है?

    आईपीएल नीलामी के दौरान ज्यादातर फ्रेंचाईजी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियो के पास नही गई। हम थोड़े भाग्यशाली है क्योंकि हमारे पास ऑस्ट्रेलिया के ज्यादा खिलाड़ी नही है- हमारे पास शिखर धवन, रबाडा, ऋषभ और बोल्ट जैसे खिलाड़ी है।  हम विदेशी खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं लेकिन हमें यकीन नहीं है कि भारतीय खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन के मुद्दे क्या होंगे। हमें कोई भारतीय गेंदबाज नहीं मिला है जो विश्व कप का हिस्सा हो। कार्य भार सामान बल्लेबाजों से अधिक गेंदबाजों को चिंतित करता है। एक चीज जिसे आप बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं वह आपके मुख्य तेज गेंदबाजों का चोटिल होना है।

    वार्नर और स्मिथ की आईपीएल बल्लेबाजी फॉर्म को ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं द्वारा कितनी उत्सुकता से देखा जाएगा?

    मुझे लगता है उन्होने यह पहले ही साबित कर रखा है कि वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है, अगर हम पहले की बात करे तो उन्होने भारत के खिलाफ इससे पहले वनडे सीरीज में अच्छा किया है। दोनो खिलाड़ियो ने लंबे समय से कोई उच्च-स्तर का क्रिकेट नही खेला है। आईपीएल दोनो के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। आईपीएल एखक उच्च-स्तरीय क्रिकेट है, अगर वह अच्छा करते है इससे उनको आत्मविश्वास मिलेगा। अगर वह आईपीएल में अच्छा नही कर पाते, तो उनके नाम के ऊपर कुछ सवाल उठ सकते है।

    क्या आपको लगता है कि विराट कोहली की सबसे बड़ी ताकत दबाव में प्रदर्शन करना है?

    मैं यह नहीं कहूंगा कि सचिन ने दबाव में प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काफी दबाव में प्रदर्शन किया। वह पक्का है।

    क्या तेंदुलकर अधिक प्रतिभाशाली बल्लेबाज थे?

    वह तकनीकी रुप से बहुत अच्छे थे। वह अभी भी बहुत ठहराव वाले और स्थिर है। विराट दोनो के संयोजन से मिलकर बने है। उनके पास अधिक-से-अधिक विकेट शॉट्स हैं, जबकि सचिन के पास अधिक डाउन-लाइन शॉट्स थे। इन दोनो की एक साथ तुलना करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि दोनो अलग युग, अगल विकेट और दोनो के बीच सब कुछ अलग है।

    जब आपने पहली बार विराट को देखा था तो क्या आपने महानता के संकेतों को पहचाना था? क्या उसने नाटकीय रूप से अपने खेल में सुधार किया, या अपनी शैली को बदला है?

    मैं स्पष्ट नही हूं कि विराट कोहली ने अपने अंदाज को बदला है। स्टीव स्मिथ के साथ भी यही है। स्टीव स्मिथ जब ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने उतरे थे वह एक बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल नही थे। उन्होने एक लेग-स्पिनर के रूप में डेब्यू किया था और वह नंबर-8 पर बल्लेबाजी करने आते थे।

    अगर इसी के साथ, आप प्रतिभा की बात करते है, महानता की बात करते है, हम जानते है स्टीव स्मिथ के पास प्रतिभा है क्योंकि उन्होने अपने बल्लेबाज से कुछ ऐसी चीज कर दिखाई है जो हर कोई नही कर सकता। अगर तुम मैच में उनको बाउंसर मारते हो तो वह टेनिस गेंद की तरह आपको वापस हिट करते है। वह उस अंदाज के साथ खेलते है जैसा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में चाहिए होता है। उन्होने यह कर दिखाया है और विराट कोहली ने भी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि विराट ने खुद को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने का बेहतरीन मौका देने के लिए जीवनशैली पाई है।

    भारतीय टीम नंबर-4 को लेकर चिंतित है इसपर आप क्या कहेंगे-

    उन्होने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में इस स्थान पर कई खिलाड़ियो को कोशिश करवाई है। रायडू, ऋषभ और शंकर ने वहा बल्लेबाजी की है। उनको इस स्थान पर श्रेयस अय्यर को भी कोशिश करवाने की जरूरत है। वह एक अच्छे खिलाड़ी है। मैं उनसे मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं। यह एक रोमांचक पहले ही, मेरी हिसाब से वह केएल राहुल को इस स्थान पर फिट कर सकते है।

    आपके अनुसार विश्व की सेमीफाइनल टीमे कौन सी होंगी?

    इंग्लैंड, इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और शायद न्यूजीलैंड। बेशक आप कभी नही जान सकते की वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की टीम कहा तक जा सकती है।

    विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर में से कौन बेहतर खिलाड़ी है?

    मुझे नहीं लगता कि विराट का करियर खत्म होने तक हम इस नतीजे पर पहुंच सकते हैं। तभी हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर होगी। सचिन एक दिग्गज हैं। हां, आप कह सकते हैं कि विराट रन बना रहे हैं। उनका टेस्ट औसत 50 (53.76) से अधिक है। लेकिन सचिन ने 200 टेस्ट में वो (औसत) बनाए रखा। विराट का वनडे रिकॉर्ड हालांकि अविश्वसनीय है। इसलिए मुझे लगता है कि भारत बहुत खतरनाक पक्ष है। अगर विराट के पास अच्छा विश्व कप है, तो भारत जीत जाएगा।

    वनडे में, क्या विराट अब तक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं?

    उनकी संख्या बताती है कि वह सर्वश्रेष्ठ हैं। उसकी क्या उम्र है? शायद 30, और वह एक और 200 खेल खेलने जा रहा है। मुझे नहीं लगता कि ऐसे कई लोग होंगे जो उनके खिलाफ सबसे अच्छा तर्क दे रहे हैं।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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