तेलंगाना विधानसभा चुनाव में राजा सिंह लोढ़ ही एकलौते ऐसे भाजपा उम्मीदवार रहे जो टीआरएस की आंधी में भी अपने पाँव जमाये रखने में कामयाब रह सके। अपने विवादास्पद बयानों के लिए मशहूर राजा सिंह पर भड़काऊ बयानों के लिए 60 केस दर्ज है। उन्होंने हैदराबाद में अपनी गोशमहल सीट बचाए रखने में सफलता हासिल की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक रहे योगी आदित्यनाथ ने राजा सिंह के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था।
तेलंगाना भाजपा के अध्यक्ष के लक्ष्मण अपनी मुशीराबाद सीट से और विघटित विधानसभा में भाजपा के नेता किशन रेड्डी अम्बेरपेट सीट से हार गए। भाजपा ने 119 में से 118 सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक सीट उसने अपनी सहयोगी युवा तेलंगाना पार्टी के लिए छोड़ी थी।
खुद को कांग्रेस और टीआरएस का विकल्प बता कर लोगों को बदलाव के लिए वोट करने की अपील करते हुए पार्टी ने राज्य में काफी आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान चलाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने राज्यभर में सभाएं की लेकिन लोगों ने भाजपा को नकार दिया।
ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव परिणाम: केसीआर की लहर में उड़ गए योगी-मोदी और महागठबंधन
2014 में भाजपा ने तेलुगु देशम पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था और 5 सीटें जीती थी लेकिन इस बार सिर्फ एक ही सीट पर कामयाबी हासिल कर पाई। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 7 फीसदी वोट मिले।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारक रहे योगी आदित्यनाथ और ओवैसी बंधुओं के बीच काफी तीखी बयानबाजी हुई थी। योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद का नाम बदल कर भाग्यनगर और करीमनगर का नाम बदल कर कारिपुरम करने का वादा किया लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हो पाया।
गोशमहल सीट पर राजा सिंह ने 61,854 वोट हासिल किये और टीआरएस के प्रत्याशी प्रेम सिंह राठौर को 1,7734 वोटों से हराकर भाजपा का खता खोला।