भारत के विदेश सचिव विजय गोखले दो दिवसीय यात्रा पर गुरूवार को काठमांडू पंहुच गए हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस दौरे का मकसद नेपाल में भारतीय सहायता से चल रही परियोजनाओं में प्रगति की समीक्षा करना और भारत नेपाल सम्बन्ध को मजबूत है। विजय गोखले की यात्रा के एक दिन बाद नेपाल इन्वेस्टमेंट समिट 2019 का कार्यक्रम होगा।
आल इंडिया रेडियो के मुताबिक इस यात्रा के दौरान विदेश सचिव नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली और अन्य राजनेताओं से मुलाकात करेंगे। सूचना के मुताबिक नेपाल निवेश सम्मलेन में हाज़िरी के लिए 38 भिन्न राष्ट्रों के 602 भागीदारी ने सम्मिलित होने की पुष्टि की है।
भारत से 109 अधिकारी और निवेशक शामिल होंगे और चीन से 209 भागीदार इस सम्मेलन का हिस्सा बनेगे। साल 2017 में नेपाल ने 2-3 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय निवेश सम्मेलन का आयोजन किया था। इसमें भारत ने नेपाल में पुनर्निर्माण के लिए 3170 करोड़ डॉलर के निवेश का वादा किया था।
इस वर्ष नेपाल को विभिन्न राष्ट्रों से एक हज़ार अधिकारीयों के शामिल होने की उम्मीद है। साल 2017 में हुए सम्मेलन में अरुण जेटली शामिल हुए थे। इसमें 24 देशों की 250 कंपनियों ने शिरकत की थी। भारत ने नेपाल के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन बिजली, सड़क, रेलवे नेटवर्क, शिक्षा, पर्यटन, सिंचाई और आदि शामिल थे।
अरुण जेटली ने भारत के अपने अनुभवों से कहा था कि “नेपाल को द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। भारत और नेपाल के बीच मज़बूत सम्बन्ध है और इसी कारण आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में गहन सहयोग संभव ही सका है।
विदेश सचिव विजय गोखले की यात्रा की जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय नें विजय गोखले की नेपाल यात्रा पर निम्न जानकारी दी है:
- विदेश सचिव, श्री विजय गोखले 28-29 मार्च को नेपाल के दौरे पर गए हैं।
- विदेश सचिव नें 28 मार्च, 2019 को नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी से मुलाकात की।
- विदेश सचिव नें नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली से भी मुलाकात करने की मंशा जाहिर की।
- दोनों विदेश सचिवों नें भारत नेपाल से सम्बंधित सभी मुद्दों पर बातचीत की और एक-दुसरे को सहयोग करने की बात कही।
- दोनों अधिकारीयों नें भारत और नेपाल के बीच जारी समझौतों का संज्ञान लिया और एक-दुसरे का समर्थन करने की बात कही।
- भारत और नेपाल के मजबूत सहयोग को और भी मजबूती देने के लिए भारतीय विदेश सचिव नें यह यात्रा की है।
नेपाल निवेश सम्मलेन में लेंगे भाग
Foreign Secretary Shri Vijay Gokhale and Mr. Shanker Das Bairagi, Foreign Secretary of Nepal, holding bilateral talks in Kathmandu today . pic.twitter.com/2p7VEEoIJJ
— IndiaInNepal (@IndiaInNepal) March 28, 2019
भारतीय सचिव विजय गोखले की नेपाल यात्रा नेपाल के निवेश सम्मलेन से एक दिन पहले आयोजित की गयी है। ऐसे में साफ़ है कि भारत नेपाल में निवेश करने की योजना बना रहा है।
वर्तमान में भी भारत नें नेपाल में ऊर्जा, यातायात, भोजन, कृषि जैसे अनेक क्षेत्रों में निवेश किया हुआ है। विजय गोखले इस दौरान भारत के निवेश कार्य का भी जायजा लेंगे।
नेपाल निवेश बोर्ड के मुताबिक नेपाल के निवेश सम्मलेन में 38 देशों से लगभग 602 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। ANI के मुताबिक इनमें से करीबन 110 निवेशक और अधिकारी भारत से होंगे।
साल 2017 में नेपाल नें 2 और 3 मार्च को निवेश सम्मलेन का आयोजन किया था, जहाँ भारत नें नेपाल में लगभग 31,700 डॉलर का निवेश किया था।
यह निवेश मुख्यत्त सड़क, पुल जैसे निर्माण कार्यों के लिए किया गया था। नेपाल की सरकार नें भारत को इसके लिए धन्यवाद दिया था।
प्रधानमंत्री केपी ओली से मुलाकात
अपनी यात्रा के दुसरे दिन विदेश सचिव विजय गोखले नें भारतीय दल के साथ प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक विदेश सचिव नें इस दौरान नेपाल में भारत द्वारा निवेश का उन्हें आश्वासन दिया।
Foreign Secretary Shri Vijay Gokhale paid a courtesy call on Rt. Hon'ble Prime Minister of Nepal Mr. K.P. Sharma Oli. pic.twitter.com/wEIoqOFXHP
— IndiaInNepal (@IndiaInNepal) March 28, 2019
जाहिर है नेपाल के प्रधानमंत्री नें पिछले साल भारत की यात्रा की थी। इस दौरान दोनों देशों नें भारत-नेपाल मैत्री संधि को आगे बढ़ाने की बात कही थी।
केपी ओली को हालाँकि चीन के करीबी कहा जाता था, लेकिन हाल के समय में केपी ओली भारत के नजदीक दिखे हैं।
प्रधानमंत्री ओली नें हाल ही में चीन के कुछ कार्यों को भी अपने देश में बंद कर दिया था, क्योंकि उनका कहना था कि चीन काफी अधिक कर्ज वसूल रहा है।
भारत नें हालाँकि नेपाल को भरोसा दिया है कि किसी भी प्रकार के निवेश सम्बंधित कार्य के लिए भारत हमेशा नेपाल के साथ खड़ा है।