हमारी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आप तभी एक सफल हीरोइन बन सकते हो अगर आप पतले और फिट हो। हमारे समाज में भी खूबसूरत होने के यही मानक है लेकिन फिर अभी एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्होंने ज्यादा वजन होने के बावजूद भी टीवी इंडस्ट्री में अपने लिए एक अलग जगह बनाई और लाखो लड़कियों को प्रेरणा दी। वाहबिज दोराबजी ने अपने सकारात्मक रवैये से सभी को प्रभावित किया है और आज उन्होंने इन्ही सब मुद्दों और स्टीरियोटाइप को लेकर पिंकविला से बात की।
अभिनेत्री जो अपने ब्रेक में खुद पर काम कर रही हैं, उन्होंने साझा करते हुए कहा-“पतले का मतलब जरूरी नहीं स्वस्थ होना हो। आपका फ्रेम जरूरी नहीं है कि आपके नियंत्रण में हो लेकिन निश्चित रूप से जो आपके अंदर जाता है, वो है। ऐसा वक़्त था जब मैंने बहुत कोशिश की थी और मेरी केवल लक्ष्य वजन कम करना था लेकिन समय के साथ, मुझे पता चला कि स्वीकृति सबसे महत्वपूर्ण है। मैंने खुद को वैसे स्वीकार किया जैसी मैं हूँ और महसूस किया कि फिट रहना सबसे महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में, मैंने यह सुनिश्चित कर लिया है कि मैं अपने शरीर को अच्छे से वर्क आउट करके और स्वस्थ आहार लेकर जितना वक़्त चाहिए उतना दूंगी।”
अभिनेत्री ने आगे अपने रास्ते में आने वाले स्टीरियोटाइप पर भी बात की। उन्होंने साझा किया-“मैं हमेशा उस व्यक्ति के बारे में आश्वस्त रही हूँ जिसे मैं आईने में देखती हूँ लेकिन कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि हमारी इंडस्ट्री में इतनी आसानी से टाइपकास्ट क्यों करते हैं? यदि आप भारी हैं, तो आपको एक नायक के रूप में अस्वीकार किया जाता है, या लीड की कहानी एक मोटी महिला के बारे में होनी चाहिए जो अपने शरीर के वजन के बारे में असुरक्षित महसूस कर रही है और लोगों को खुश करने की कोशिश कर रही है?”
“जब विद्या बालन जैसी पावरहाउस प्रतिभा को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि वह अच्छी तरह से संपन्न महिला हैं, तो ‘तुम्हारी सुलु’, ‘कहानी’ जैसी फिल्में कर सकती हैं, तो टेलीविजन केवल आपको एक सहायक भूमिका निभाने के लिए क्यों फिट मानता है? इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है। उन फिल्मों की पटकथाओं को साइज़ जीरो अभिनेत्रियाँ या विद्या बालन निभा सकती थी और इससे कहानी में कोई बदलाव नहीं आता। यह एक अभिनेता को अपनी प्रतिभा के रूप में कास्ट करने की सुंदरता है जो आपको सफलता देगी।”