अन्नाद्रुमुक और तेलुगु देशम पार्टी के सदस्यों के हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में कावेरी बाँध मुद्दे पर हंगामा कर रहे अन्नाद्रुमुक सांसदों और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा की मांग करने वाले तेलुगु देशम पार्टी के कुल 19 सदस्यों को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चार दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
इससे पहले बुधवार को 24 अन्नाद्रुमुक सदस्यों को स्पीकर ने लोकसभा के बाकी बचे सत्रों के लिए निलंबित कर दिया था। आज निलंबित होने वाले सदस्यों में तेलुगु देशम पार्टी के 13 औइर अन्नादृमिक के 7 सदस्य शामिल थे। इन्हें संसद के 4 कार्यदिवस के लिए निलंबित किया गया है।
सत्र सुरु होते ही टीडीपी और अन्नाद्रुमुक सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थी और वो लगातार अपनी मांगों को लेकात्र नारेबाजी कर रहे थे। अन्नाद्रुमुक सांसदों ने कई बार आसन के सामने पेपर उछाले।
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र तोमर ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ जिसके बाद सुमित्रा महाजन ने दिन भर के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दिया।
दूसरी तरफ राज्यसभा में कश्मीर मुद्दे पर जोरदार बहस देखने को मिली। विपक्ष की तरफ से गुलाम नवी आज़ाद ने आरोप लगाया कि भाजपा के शासन के दौरान कश्मीर में स्थिति बद से बदतर हो गई है तो सरकार की तरफ से पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जम्मो कश्मीर के अलग अस्तित्व की विवेचना की गई थी लेकिन कांग्रेस के शासन में ये अलगाववाद की तरफ मुड गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वक़्त रहते सही कदम नहीं उठाये जिसकी वजह से कश्मीर आज इस स्थिति में पहुँच गया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश के कई राज्यों की तरफ भाजपा ने जम्मू-कश्मीतर में सरकार तो बना ली लेकिन स्थिति जब हाथ से निकलने लगी तो सरकार से समर्थन वापस ले लिया और कश्मीर को मझधार में छोड़ दिया।