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    UP MAHAGATHBANDHAN

    मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी चुनावी जीत को लेकर उत्साहित कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अकेले मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। घटनाक्रम से परिचित एक वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा कि राज्य में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) -समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने की स्थिति में पार्टी को स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

    बसपा और सपा अब तक कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को ले कर चुप है। उन्होंने 10 दिसंबर को हुए विपक्षी दलों की बैठक से भी दूरी बरती थी।

    बीएसपी 15 जनवरी को मायावती के 63 वें जन्मदिन पर लखनऊ में एक बैठक कर रही है, जिसमें उन्होंने कई संभावित सहयोगियों को आमंत्रित किया है लेकिन कांग्रेस को अभी तक निमंत्रण नहीं भेजा गया है।

    सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस जल्द ही विभिन्न स्तरों पर बैठकें करेगी और यूपी के लिए संभावित उम्मीदवारों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। 543 सदस्यीय लोकसभा में उत्तर प्रदेश 80 सदस्यों को चुनता है और दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर ही गुजरता है।

    हिंदी हार्टलैंड राज्यों में जीत ने कांग्रेस में नया जोश भरा है और देश भर में अपने कैडर को मजबूत किया है। उत्तर प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रकाश जोशी ने कहा, “हम पहले से ही चुनाव मोड में हैं और 2019 के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।”

    उन्होंने कहा कि पार्टी ने ज्यादातर 80 लोकसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर के सम्मेलन किए हैं और उम्मीदवारों की पहचान की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होगी।

    जोशी ने कहा, “महागठबंधन का हिस्सा बनने या नहीं लेने का फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा लिया जाएगा लेकिन एक संगठन के रूप में हमें किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।”

    राज्य कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को सुझाव दिया है कि बीएसपी-एसपी गठबंधन पार्टी को बहुत अधिक सीटें नहीं दे सकता है इसलिए पार्टी को प्लान-बी को भी तैयार रखना होगा। हालांकि बीएसपी या सपा के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन चर्चा यह है कि दोनों पार्टियां अमेठी और रायबरेली को सिर्फ दो सीटें दे सकती हैं। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी अमेठी का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनकी मां और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से लोकसभा सदस्य हैं।

    बीएसपी के एक नेता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जो बोया है वही काटेंगे। सपा के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा: “अभी, गठबंधन के गठन पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हम यूपी में समान विचारधारा वाले दलों का महागठबंधन बनाने में विश्वास करते हैं। मैं यह नहीं कह सकता कि कांग्रेस गठबंधन की सदस्य होगी या नहीं। कांग्रेस सहित हर राजनीतिक दल पार्टी के आधार को मजबूत करने और अपने उम्मीदवारों का चयन करने के लिए स्वतंत्र है।”

    उत्तर प्रदेश से जुड़े एक कांग्रेस नेता का कहना है कि पार्टी सपा और बसपा से 15 सीटें मांग सकती है और 8-10 तक पर भी मान जायेगी लेकिन उससे कम पर मानना बहुत मशिकिल होगा और पार्टी के लिए अपमानजनक होगा।

    कांग्रेस ने गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद अपनी मोल भाव करने की क्षमता खो चुकी है। गोरखपुर और फूलपुर पर समाजवादी पार्टी ने दावा किया था लेकिन कांग्रेस ने नामांकन भर दिया। और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से नामांकन वापस लेने का भी आग्रह किया था।

    सोनिया गांधी और राहुल गाँधी दोनों ने कई बार विपक्षी दलों से राज्यों में अपने मतभेदों को दूर करने और राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति बनाने का आह्वान किया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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