राष्ट्रीय चुनावों में मायावती के बसपा के साथ गठबंधन की अटकलों के बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में विचारों का संगम होगा और बहुत जल्द लोगों को इसके बारे में पता चलेगा।
उपचुनाव में गठबंधन कर के भाजपा को पटखनी देने के बाद कई मौकों पर अखिलेश यादव और मायावती गठबंधन कर के 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की बात करते देखे गए हैं। अखिलेश यादव तो गठबंधन को सफल बनाने के लिए कुछ सीटें तक कुर्बान करने की बात कह चुके हैं। 2014 में सभी पार्टियाँ अलग अलग चुनाव लड़ी थी और भाजपा ने 80 में से 71 सीटें हासिल की थी जबकि भाजपा गठबंधन को 73 सीटें हासिल हुई थी।
अखिलेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “यूपी में लोगों का संगम होगा और विचारों का संगम होगा, और बहुत जल्द यह आपके सामने होगा।” अखिलेश की बातों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर कोई बड़ा ऐलान होगा। सूत्रों के नुसार बसपा और सपा, राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर गठबंधन तय कर चुके हैं बस औपचारिक ऐलान होना है। अंदेशा है कि कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखा जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस संगम का हिस्सा होगी, उन्होंने कहा, “मैंने कहा कि लोगों और विचारों का संगम होगा। सभी उत्तर इसमें शामिल हैं।”
मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन करने के बाद भी मायावती और अखिलेश कांग्रेस से दुरी बरत रहे हैं। 10 दिसंबर को हुए विपक्षी दलों की मीटिंग से भी दोनों नेता अनुपस्थित रहे थे और कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह से भी दोनों ने दूरी बरती थी।
मंत्रिमंडल में समाजवादी पार्टी के विधायक को जगह नहीं मिलने के बाद अखिलेश ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में रास्ता साफ़ कर दिया।