रैम और रोम कंप्यूटर की दो प्रकार की मेमोरी होती हैं।
इस लेख में हम रैम और रोम के बारे में गहराई से पढेंगे। इसमें रैम और रोम की जानकारी और रैम और रोम में अंतर भी बताएँगे।
विषय-सूचि
रैम और रोम क्या है? (ram and rom in hindi)
जैसा की हमे पता है कि हमे डाटा को स्टोर करने के लिए किसी न किसी मेमोरी की जरूरत होती है। हालांकि हार्डड्राइव का सबको पता होता है कि वो डाटा स्टोर करने के काम आता है उसी तरह रैम और रोम होते है।
रैम और रोम दोनों ही कम्प्युटर की आंतरिक मेमोरी है आंतरिक अक मतलब अंदर रहने वाली मेमोरी जिसमे हम डाटा को स्टोर कर सकते है डाटा का मतलब कम्प्युटर की फाइले, ड्राइवेर्स आदि।
हालांकि इन दोनों मे काफी अंतर है जैसा की हमे पता है रैम को हम रैनडम अकेस्स मेमोरी बोलते हैं और रोम को हम रीड ओन्ली मेमोरी बोलते हैं इनके नाम से हमे पता लग रहा है की रैम एक अस्थायी मेमोरी है और रोम स्थायी मेमोरी है ।
रैम क्या है? (ram in hindi)
रैम एक तरह की प्राथमिक मेमोरी है । रैम की मदद से कम्प्युटर एक ही समय पर बहुत सारे काम कर सकता है। हम रैम के डाटा को कितनी भी बार देख, लिख और हटा सकते हैं।
रैम एक परिवर्तनशील मेमोरी है। यही वजह है की हम रैम को स्थायी स्टोरेज के रूप मे उपयोग नहीं कर सकते। यह उस डाटा को स्टोर करने के लिए उपयोग लीआ जाता है जिसे अभी सीपीयू द्वारा चलाया जाना है।
इसमे हम जिस भी तरह की फ़ाइल डालते है उसको हम दुबारा हटा भी सकते है और उसकी जगह दूसरी दूसरी फ़ाइल बदल सकते है। पर रैम काफी महंगी मेमोरी है इसको खरीदने मे हमारी काफी जेब ढीली हो सकती है।
रैम की कीमत उसकी मेमोरी पर निर्भर करती है जितनी ज्यादा एमबी या जीबी की रैम लेंगे उतनी ही महंगी रैम हमे मिलेगी । आजकल तो कम्प्युटर छोड़े फोनो में ही 4-8 जीबी की रैम आ रही है आजकल की तकनीकी काफी आगे जा चुकी है।
रैम की प्रोसेसिंग काफी तेज़ है। रैम तभी तक डाटा को रखता है जब तक हम उसे बिजली दे रहे है यानि जब तक आपके कम्प्युटर का स्विच ऑन है।
जैसा कि हमे पता है आजकल के नौजवान नई नई तकनीकी का उपयोग करते है तो उसके लिए हमे ज्यादा रैम की जरूरत होती है।
बड़े बड़े सोफ्टवेर आदि उपयोग करने के लिए हमे ज्यादा रैम की आवश्यकता पड़ती है। जितनी ज्यादा रैम होगी उतनी ही ज्यादा रैम की हमे आवश्यकता होगी।
रैम की फुल फॉर्म (ram full form in hindi)
रैम की फुल फॉर्म रैंडम एक्सेस मेमोरी (random access memory) है।
रैंडम का अर्थ होता है, परिवर्तनशील यानी अस्थायी। रैम को इसी लिए अस्थायी मेमोरी कहा जाता है।
रैम के प्रकार: (types of ram in hindi)
1. एस रैम (स्थिर रैम)
2. डी रैम (गतिशील रैम)
एस रैम (स्थिर रैम) इसमे अगर हमे डाटा को सारंक्षित रखना है तो हमे निरंतर बिजली ऑन रखनी पड़ेगी ताकि ये चलता रहे और इसका डाटा स्टोर रहे। यह डी रैम से काफी तेज़ और महंगा है ।
डी रैम (गतिशील रैम) मे हमे डाटा को स्टोर रखना के लिए रिफ्रेश करना पड़ता है बार बार ताकि डाटा उसी मे स्टोर रहे। अंतत यह एस रैम से सस्ता और काफी धीरे है ।
रोम क्या है? (rom in hindi)
जैसा की हमे नाम से पता चल रहा है की इस मेमोरी को हम केवल पढ़ सकते है । इसकी प्रकृति अपरिवर्तनशील है जो की प्रोग्राम को स्थायी रूप से रखता है।
इसका डाटा अपने आप नहीं बदलता बदलने से ही इसका डाटा बदलता है । हालांकि इसमे भी बदलवा करने की कोशिश की गयी थी जिससे ये डाटा को हटाने या फिर नए सिरे से लिख सके ताकि यह रैम की तरह उपयोग किया जा सके पर इसकी इतनी क्षमता नहीं थी की यह रैम का मुक़ाबला कर सके।
रोम केवल सीपीयू द्वारा पढ़ा जा सकता है सीपीयू इसमे कोई बदलाव नहीं कर सकता। सीपीयू इसे डाइरैक्ट पढ़ नहीं सकता इसके लिए हमे पहले डाटा को रैम मे भेजना पड़ेगा उसके बाद ही रोम की मदद से सीपीयू डाटा को पढ़ पाएगा।
रोम की डाटा स्टोर करने की क्षमता रैम से कम होती है। रोम केवल कम्प्युटर के वह निर्देशों को रखता है जो की हमे बूत्स्त्रप्पिंग मे आते है।
रोम की फुल फॉर्म (rom full form in hindi)
रोम की फुल फॉर्म रीड ओनली मेमोरी (read only memory) है।
रीड ओनली मेमोरी का मतलब है कि कंप्यूटर अपने कार्य के लिए सिर्फ इसी मेमोरी को पढ़े। इसी लिए इसे स्थाई मेमोरी भी कहा जाता है।
रोम के प्रकार? (types of rom in hindi)
1. मास्क रोम – यह जब कम आता है जब चिप को बनाया जाता है टीबी जो डाटा लिखा जाता है उसमे ये काम आता है।
2. पी रोम ( प्रोग्रामेबल रोम ) – यह केवल साल मे एक बार ही बदली जा सकती है।
3. ईपी रोम ( एरेसेबल प्रोग्रामेबल रोम ) – यह केवल पराबैंगनी किरणों द्वारा ही बदला जा सकता है।
4. ईईप रोम ( एलेक्ट्रिकल्ली एरेसेबल प्रोग्रामेबल रोम ) – यह केवल एलेक्ट्रिकल्ली हटाया जा सकता है।
रैम और रोम मे अंतर (difference between ram and rom in hindi)
आधार | रैम | रोम |
कीमत | रैम काफी महंगी मेमोरी है। | रोम रैम से काफी सस्ता होता है। |
आकार | इसका आकार 64 एमबी से लेकर 16 जीबी या इससे ज्यादा हो सकता है। | इसका आकार रैम से काफी काम होता है |
बुनियादी | रैम के डाटा को कितनी भी बार देख, लिख और हटा सकते हैं। | इस मेमोरी को हम केवल पढ़ सकते है। |
उपयोग | यह उस डाटा को स्टोर करने के लिए उपयोग लीआ जाता है जिसे अभी सीपीयू द्वारा चलाया जाना है। | रोम केवल सीपीयू द्वारा पढ़ा जा सकता है सीपीयू इसमे कोई बदलाव नहीं कर सकता। |
अस्थिरता | रैम एक परिवर्तनशील मेमोरी है। | इसकी प्रकृति अपरिवर्तनशील है। |
प्रकार | एस रैम (स्थिर रैम ), द्र रैम (गतिशील रैम )। | मास्क रोम, पी रोम ( प्रोग्रामेबल रोम ), ईपी रोम ( एरेसेबल प्रोग्रामेबल रोम ), ईईप रोम ( एलेक्ट्रिकल्ली एरेसेबल प्रोग्रामेबल रोम )। |
नाम | रैनडम अकेस्स मेमोरी। | रीड ओन्ली मेमोरी |
इस लेख में हमनें रैम और रोम के बारे में जाना। हमनें रैम और रोम में अंतर भी जाना।
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