प्रधानमंत्री मोदी की अतिमहत्वाकांक्षीय योजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रेलवे ने अब एक बड़ी उपलब्धि पा ली है। मेक इन इंडिया के तहत रेलवे को उसका पहला ऐरोडाइनैमिक इलैक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन मिल गया है।
गौरतलब है कि यह लोकोमोटिव इंजन 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम है। इस लोकोमोटिव इंजन का चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में किया गया है।
इस नयी ऐरोडाइनैमिक डिज़ाइन के तहत ड्राइवर को भी अधिक सुरक्षा उपलब्ध कराई गयी है।
रेलवे के अनुसार इस नए डिज़ाइन के लोकोमोटिव इंजन को अब जल्द ही शताब्दी एक्स्प्रेस, राजधानी एक्स्प्रेस व गतिमान एक्स्प्रेस जैसी अधिक स्पीड वाली ट्रेनों में किया जाएगा। रेलवे के अनुसार इन इंजन के आगे का भाग अधिक ऐरोडाइनैमिक है, जिसके चलते इन ट्रेनों की वर्तमान स्पीड में और अधिक इजाफ़ा किया जा सकेगा।
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यह इंजन 54 सौ हॉर्सपावर का है। इसी के साथ इंजन में ट्रेन के संचालन से संबन्धित सभी तरह के डाटा को भी रिकॉर्ड किया जाएगा। इन इंजन को क्रू वॉइस व विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (CVVRS) से लैस किया गया है, जिसके जरिये ड्राईवर माइक्रोफोन के जरिये संदेश भी प्रसारित कर सकेंगे।
मालूम हो कि रेलवे अपने सभी डीज़ल संचालित इंजनों को इलैक्ट्रिक इंजन में बदलने का काम जारी किए हुए है। रेलवे के इस कदम के साथ ही एक ओर जहाँ डीज़ल की खपत में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर इन इंजनों से निकालने वाले धुएँ की वजह से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
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