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    रूस का युद्धपोत

    रूस और यूक्रेन के मध्य छिड़ी जंग का स्तर अब बढ़ सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस से लड़ने के लिए राष्ट्र को तैयार कर लिया है। यूक्रेन और रूस एक साझा जलमार्ग का इस्तेमाल करते थे जिसका रूस द्वारा उल्लंघन करने से ताव बढ़ गया और इस विवाद को नाटो और संयुक्त राष्ट्र में खिंचा जायेगा।

    रूस ने ऐलान किया था कि उनकी नौसेना ने यूक्रेन की नौसेना के तीन जहाजों को अपने कब्जे में लिए था। इस गोलीबारी में तीन सैनिक घायल हुए थे। रूस के साल 2014 में क्रीमिया में अधिग्रहण के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य विवाद शुरू हो गया था। ख़बरों के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन के दोनबास इलाके में रूस चरमपंथियों को समर्थन करता है, पांच साल से अधिक समय पूर्व हुए हमले में 10 हज़ार लोगों की हत्या भी की गयी थी।

    युक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेनको ने संसद में बुधवार से मार्शल लॉ लागू करने का बयान दिया था क्योकि सेना पहले ही हाई अलर्ट पर है। नौसेना के जहाजों पर हमला साझा जलमार्ग केर्च मार्ग पर हुआ था, इसे रूस की यूक्रेन के खिलाफ ‘हाइब्रिड वॉर’ कहा जा रहा है।

    यूक्रेन की 450 सदस्य संसद में में 276 सदस्य मौजूद थे जिसमे 30 सदस्यों से राष्ट्रपति के पक्ष कसनार्थान किया था। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की तरफ से भी यूक्रेन को समर्थन मिल रहा है। रूस का पश्चिमी देशों के साथ खटपट चल रही है और रूस समुद्री इलाके में अपना प्रभुत्व कायम रखने की मंशा रखता है।

    नाटो के सचिव जेन्स स्टोल्तेंबेर्ग ने यूक्रेन के साथ आग्रह के बाद ब्रुसेल्स में मुलाकात के लिए तैयार हो अगये थे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने जो कल कहा वो वाकई बेहद गंभीर था क्योंकि उन्होने रूस को खुलेआम सेना का इस्तेमाल करते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि यह हालातों को अधुक बिगाड़ रही है और रूस के व्यवहार को दिखा दिया है, जो हम सालों से देख रहे थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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