Tue. Dec 24th, 2024
    akshay-kumar

    मुंबई, 4 मई (आईएएनएस)| अक्षय कुमार जब कनाडा की नागरिकता रखने की बात स्वीकार कर चुके हैं, और अब राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनकी पात्रता को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं।

    फिल्म निर्माता राहुल ढोलकिया ने हालांकि उनका समर्थन किया और कहा कि “एक विदेशी नागरिक को भी राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा सकते हैं।”

    अक्षय को कैसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, इस बात को लेकर शनिवार को सोशल मीडिया यूजर्स जिसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म संपादक और लेखक अपूर्वा असरानी भी शामिल थीं, उन्होंने सवाल खड़े किए।

    असरानी ने ट्वीट कर कहा, “क्या कनाडा के नागरिक भारतीय राष्ट्रीय पुरस्कारों को पाने के लिए योग्य हैं? साल 2016 में अक्षय कुमार को ‘श्रेष्ठ अभिनेता’ का पुरस्कार मिला जबकि सभी यह उम्मीद कर रहे थे कि ‘अलीगढ़’ फिल्म के लिए मनोज वाजपेय को यह पुरस्कार मिलेगा। यदि जूरी/मंत्रालय ने कुमार के मामले में कोई त्रुटि की है, तो क्या कोई संशोधन होगा?”

    हालांकि, फिल्म समारोह निदेशालय के नियाम अनुसार (रूलबुक) जो संगठन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रस्तुत करता है, वह उम्मीदवार की पात्रता इस आधार पर तय करता है जिसमें नियम के मुताबिक : “विदेशी मूल के फिल्म पेशेवरों और तकनीशियनों को भी पुरस्कार के लिए विचार किया जा सकता है।”

    राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी में पहले रह चुके निर्माता राहुल ढोलकिया ने ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया।

    नियमावली (रूलबुक) का स्क्रीन शॉट लेकर शयर करते हुए उन्होंने लिखा, “राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर स्पष्टीकरण: विदेशी नागरिकों को भी राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा सकते हैं, यह कानूनी है, जूरी के लिए नियमों के मुताबिक (इस मामले में नहीं)। यह जानकारी एक अधिकारी मनोज श्रीवास्तव से मिली, जिन्होंने मुझे यह भेजा।”

    ‘श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार’ अक्षय कुमार को ‘रुस्तम’ फिल्म के लिए वर्ष 2016 में दिया गया था।

    इस सप्ताह की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गैर-राजनीतिक साक्षात्कार लेने के बाद से अक्षय सोशल मीडिया पर ट्रॉलर्स के निशाने पर आ गए हैं। भारतीय नागरिक न होने के बावजूद देशभक्ति की बात करने के लिए उनकी आलोचना भी हुई।

    शुक्रवार को, आलोचना पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए, अक्षय ने अपनी कनाडा की नागरिकता के बारे में एक बयान जारी किया और कहा कि वह विषय के आसपास की नकारात्मकता और ‘अनुचित ब्याज’ को नहीं समझते थे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *