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modi in raibareilly

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले रायबरेली यात्रा के दौरान 1100 करोड़ के विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। रायबरेली गाँधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। वर्तमान में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की संयोजक सोनिया गाँधी यहाँ से सांसद हैं।

प्रधानमंत्री ने रायबरेली में एक बड़ी रैली को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसे मुद्दों पर क्षेत्र में पर्याप्त ध्यान ना देने के लिए कांग्रेस पर जम कर हमला किया और एक तरह से 2019 के चुनावी जंग का आगाज किया।

रायबरेली रेल फैक्ट्री का भ्रमण करने और एक नए मॉडर्न हमसफ़र ट्रेन के रैक को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित किया और रेल फैक्ट्री के निर्माण में देरी के लिए कांग्रेस की यूपीए सरकार और उत्तर प्रदेश में पूर्व की समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा “इस फैक्ट्री की आधारशिला 2007  में रखी गई थी और 2010 में ये बनकर तैयार हुआ लेकिन यहाँ सिर्फ कपूरथला से बनकर आये डब्बों की रंगाई पुताई होती थी, जबकि इस फैक्ट्री की क्षमता रेल कोच के निर्माण की थी। हमारी सरकार आने के बाद हमने महसूस किया कि इस रेल कोच फैक्ट्री से लोगों को रोजगार मिल सकता है लेकिन पिछली सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

रैली में प्रधानमंत्री ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहली बार कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा “मैं जानना चाहता हूँ, कांग्रेस आज जो झूठ बोल रही है और झूठे आरोप लगा रही है, क्या वो इसलिए क्योंकि भाजपा ने जो रक्षा सौदा किया है उसमे कोई क्वात्रोची मामा शामिल नहीं है, कोई क्रिस्चियन मिशेल चाचा शामिल नहीं है?”

गौरतलब है कि बोफोर्स घोटाले में इटली के बिचौलिए क्वात्रोची का नाम सामने आया था जिसने बोफोर्स सौदे के लिए दलाली की थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी पर भी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे थे। जबकि क्रिस्चियन मिशेल का नाम यूपीए सरकार के दौरान हुए अगस्ता वेस्टलैंड डील में कई भारतीय अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत देने के मामले में सामने आया।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि “कांग्रेस को न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से सम्बंधित दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद कहा कि इस डील में कोई गड़बड़ नहीं है। उसके बाद से भाजपा और कांग्रेस एक दुसरे पर हमलावर हैं।

रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। कभी यहाँ से इंदिरा गाँधी चुनाव लड़ा करती थीं उसके बाद राजनीति में आने के बाद सोनिया गाँधी ने इसी सीट को चुना। भाजपा रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के दुर्ग को ढहाना चाहती है। 2014 को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 80 में से सिर्फ 2 सीटें मिली थी और वो 2 सीटें रायबरेली और अमेठी ही थी।

By आदर्श कुमार

आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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