भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन राष्ट्रों की यात्रा के दूसरे चरण में गुरूवार को बोलीविया की यात्रा पर पंहुच गए हैं। वीरू वीरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस और विदेश मंत्री डिएगो पारी रोड्रिगुएज ने राष्ट्रपति कोविंद का इस्तकबाल किया था।
बोलीविया के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक बोलीविया पंहुचते ही राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “बोलीविया राष्ट्र की पहली यात्रा करने पर मुझे गर्व है। आज द्विपक्षीय सम्बन्धो का ऐतिहासिक दिन है।”
यात्रा के दूसरे दिन राष्ट्रपति कोविंद नें बोलीविया के राष्ट्रपति से मुलाकात की और दोनों नेताओं नें कई अहम् मुद्दों पर बातचीत की।
मीडिया से मुखातिब होते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “कल राष्ट्रपति मोरालेस से मेरी मुलाकात होने की उम्मीद है। मुझे विश्वास है कि बोलीविया और भारत के संबंधों में वृद्धि होगी। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में यह एक नए ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत है।”
In first ever Presidential level visit between India and Bolivia wide ranging discussions were held between #PresidentKovind and Bolivian President Evo Morales on political economic and cultural issues including space, mining, IT, pharmaceutical and traditional medicines. pic.twitter.com/0us44RByRn
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 29, 2019
राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी और भारत की पहली महिला सविता कोविंद और 100 अधिकारीयों का एक मंत्रिमंडल गया है। एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर से भी नवाजा गया था और उन्हें सांता क्रूज़ के शहर की चाभियाँ थमाई गयी थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि “बोलीविया की इस खूबसूरत जमीन पर आकर मैं बेहद प्रसन्न हूँ। एक देश जो संस्कृति और विविधताओं से लबालब है और उसकी जनता को अपने देश पर गर्व है।”
भारत के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार राष्ट्रपति कोविंद अपने बोलिवियन समकक्षी के साथ कई रणनीतिक मुद्दों पर बातचीत करेंगे। इसमें बिओसानिक रेलवे गलियारा, तकनीक, स्वास्थ्य और अन्य शामिल है। तीन दिवसीय यात्रा में राष्ट्रपति अपने समकक्षी के साथ प्रतिनिधि स्तर की बातचीत करेंगे। वह भारत-बोलीविया कारोबार मंच में शिरकत करेंगे और क्रूज़ की यूनिवर्सिटी के छात्रों से रूबरू होंगे।
बयान के मुताबिक, भारत और बोलीविया प्रचुर और विभिन्न संस्कृति की प्राचीन सभ्यता है। हमारे द्विपक्षीय सम्बन्ध काफी हार्दिक और मैत्री है। दोनों देशों के मध्य मंत्री स्तर की द्विपक्षीय वार्ता को हुए काफी वक्त बीत गया था। बोलीविया एक घिरा हुआ देश है और खनिज भण्डार से लबालब है। यहां लिथियम, सोने, चांदी और गैस का खदान है। कंपनियों के एक प्रतिनिधित्व ने यात्रा की थी और बोलीविया से चर्चा की थी। बोलीविया में आईटी और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में कई भारतीय कंपनियां यहां मौजूद है। इसमे बजाज ऑटो, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा के बोलीविया में कारोबारी लिंक्स है।
बयान के मुताबिक, बोलीविया में निर्यात करने में भारत काफी उभर रहा है और लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र में बोलीविया भारत का नौवा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। भारत 66.7 करोड़ डॉलर का निर्यात और 10.5 करोड़ डॉलर का आयात करता है। भारत का प्रमुख निर्यात आईटी और फ़र्मैटिकल्स के क्षेत्र में होता है।”
बोलीविया के राष्ट्रपति से की मुलाकात
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नें अपने दौरे के दुसरे दिन बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों वरिष्ठ नेताओं नें एक-दुसरे देश को सहयोग देने की बात कही।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय नें संयुक्त बयान जारी किया है।
राष्ट्रपति कोविंद नें अपने स्वागत के बारे में कहा, “मैं बोलीविया की जनता और उनके राष्ट्रपति का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होनें मेरा इतनी गर्मजोशी से स्वागत किया।
आपने अपने इस कृत्य से आपका भारत के प्रति प्रेम और भावना व्यक्त की है।
यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहले बोलीविया की यात्रा है और मैं इस एतिहासिक यात्रा में शरीक होने पर गर्व महसूस कर रहा हूँ।
दोनों देशों के समाज में काफी समानताएं हैं। दोनों देश विविधताओं से भरपूर है और यह काफी महत्वपूर्ण है।”
100 मिलियन डॉलर की मदद
India offers $100 million credit to #Bolivia! Bolivian President Morales announced it will be used in pharma industry. Bolivia also to install two Mahatma Gandhi Statue gifted by India in La Paz and Santa Cruz. ITEC slots offered by India are also doubled ! @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/83rXHvI4Po
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 29, 2019
राष्ट्रपति कोविंद नें बोलीविया के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान यह घोषणा की कि भारतीय सरकार बोलीविया की सरकार को 100 मिलियन डॉलर कर्ज के रूप में देने के लिए तैयार है।
बोलीविया के राष्ट्रपति नें घोषणा की है कि इन पैसों का इस्तेमाल बोलीविया के स्वास्थ्य और दवाई आदि से सम्बंधित क्षेत्र में किया जाएगा।
बोलीविया नें यह भी घोषणा की है कि वे भारत द्वारा भेंट दिए गए महात्मा गाँधी की दो मूर्तियों को भी अपने देश में स्थापित करेंगे।
इसके अलावा भारत और बोलीविया नें 8 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं। इनमें निम्न शामिल हैं:
- राजनैतिक और कूटनीतिक यात्राओं के लिए वीजा से आराम
- भारतीय विदेश मंत्रालय और बोलीविया के विदेश मंत्रालय के बीच अहम समझौता
- एक रेलवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए भारत द्वारा बोलीविया का सहयोग
- खनीज और जियोलॉजी के क्षेत्र में एक-दुसरे का सहयोग
- 2019-21 के बीच भारतीय सरकार और बोलीविया की सरकार के बीच सांस्कृतिक सहयोग
- भारत और बोलीविया के बीच एक सूचना और प्रसारण केंद्र स्थापित करना
- भारतीय स्पेस एजेंसी ‘इसरो’ और बोलीविया की स्पेस एजेंसी के बीच समझौता, जिससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देश एक दुसरे का सहयोग कर सकें।
राष्ट्रपति कोविंद मौजूदा समय में क्रोएशिया, बोलीविया और चिले के राष्ट्रों के दौरे पर है। 30 मार्च को राष्ट्रपति कोविंद चीले पंहुचेंगे। भारत और चीले के कूटनीतिक रिश्ते की 70 वीं सालगिरह पर राष्ट्रपति कोविंद शिरकत करेंगे।