Fri. Dec 27th, 2024
    नारायण राणे

    महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें एनडीए में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने इस मामले में दो दिन सोचने का वक़्त माँगा है। राणे पहले कांग्रेस के नेता थे उन्होंने 21 सितम्बर को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया, साथ ही उन्होंने 1 अक्टूबर को नयी पार्टी बनाई है जिसका नाम ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ है।

    नारायण राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवन्द्र फडणवीस के आवास ‘वर्षा’ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की, इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने इस मामले में दो दिन के समय की मांग की है। समय की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि वे समय इसलिए लेना चाहते है ताकि वह यह कदम सोच-समझकर उठाये।

    इसी बीच खबर आयी थी कि राणे के बीजेपी में आने से शिवसेना और राणे के बीच तनाव बढ़ सकता है। बीजेपी के प्रवक्ता माधव भंडारी ने नारायण राणे को लेकर बयान दिया है कि राणे के एनडीए में आने से शिवसेना के साथ गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा।

    नारायण राणे ने अपने करियर की शुरुआत शिवसेना के साथ से की थी, 2005 में उद्धव ठाकरे से कुछ अनबन के कहते हुए राणे ने शिवसेना से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन पकड़ा था। परन्तु सितम्बर 2017 में राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

    साल 1999 में नारायण राणे महाराष्ट्र के सीएम बने थे, राणे ने चुनाव शिवसेना के टिकट पर जीता था। उद्धव ठाकरे से उनकी नहीं बनने के कारण उन्होंने शिव सेना का साथ छोड़ दिया था। उस वक़्त कांग्रेस उद्धव ठाकरे के सामने एक दमदार प्रत्याशी चाहती थी, तो कांग्रेस ने उस वक़्त राणे को पार्टी ज्वाइन करने का आमंत्रण भेजा था, जिसे राणे ने स्वीकार कर लिया। परन्तु राणे को कांग्रेस कि साथ रहकर अपना मुख्यमंत्री का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा था। इसी कारण राणे ने कांग्रेस से भी इस्तीफा देकर एक नई पार्टी की शुरुआत की है।

     

    राणे ने अपनी नई पार्टी के लॉन्चिंग पर मीडिया से बात कर के यह साफ़ कहा था कि उन्हें उद्धव एक विपक्ष नहीं लगते, शिव सैनिको में अब उतना दम नहीं रहा। इसी तरह की बयानबाज़ी के चलते यह कहा जा रहा हैं कि एनडीए में शामिल होने से शायद राणे और शिवसेना के बीच विवाद बढ़ सकता है जिससे बीजेपी को एनडीए में फूट का डर रहेगा।

    अपनी नए राजनैतिक संगठन को लेकर उन्होंने कहा है कि इस संघठन में सबका स्वागत है चाहे वो किसी भी दल का हो अगर वो उस पार्टी को छोड़कर आना चाहता है तो उसका स्वागत है, आगे उन्होंने कहा कि उनके सभी दलों में मित्र है शिवसेना में उद्धव को छोड़कर अधिकतर मित्र है और कांग्रेस में पृथ्वीराज चह्वाण को छोड़कर अधिकतर मित्र है। राणे के बेटे नीतीश राणे जोकि फिलहाल कांग्रेस के विधायक है, उनको लेकर नई पार्टी में आने को लेकर राणे ने कहा कि उनका बेटा भी जल्द ही नई पार्टी ज्वाइन करेगा।

    राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के एक हफ्ते के अंदर ही दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात की थी, साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बुलेट ट्रैन प्रोजेक्ट की तारीफ़ भी की थी।