राजस्थान में सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल में मंत्री पदों बंटवारा भी हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पास 9 मंत्रालय रखे हैं जिसमे से वित्त और गृह विभाग प्रमुख है। इसके अलावा गहलोत ने अपने पास एक्साइज, प्लानिंग, कार्मिक विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भी है।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सांख्यिकी विभाग की इम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलावा 13 कैबिनेट मंत्रियों और 10 राज्य मंत्रियों के बीच भी मंत्रिमंडल का बंटवारा किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की गहलोत और पायलट के साथ मीटिंग के बाद मंत्रिमंडल का बंटवारा किया गया। गृह, वित्त और लोक निर्माण जैसे प्रमुख मंत्रालय अपने पास रखने के लिए गहलोत और पायलट में खींचतान चल रही थी जिसके बाद राहुल गाँधी ने मसले को हल किया।
राहुल गाँधी के हस्तक्षेप के बाद अशोक गहलोत को वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय, आबकारी विभाग, आयोजना विभाग, निति आयोजना विभाग, कार्मिक विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो, सुचना प्रौद्योगिकी विभाग मिला जबकि सचिन पायलट को सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सांख्यिकी विभाग से संतोष करना पड़ा।
मंत्रिमंडल बंटवारे में साफ़ है कि अशोक गहलोत खेमा भरी पड़ा है जबकि सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद की तरह यहाँ भी मन मसोस कर रह जाना पड़ा।
बीडी कल्ला को उर्जा, स्वास्थ्य और पेयजल विभाग दिया गया है जबकि शांति धारीवाल को शहरी विकास, क़ानून और आवास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिले।
राज्य में सोमवार को 23 मंत्रियों ने शपथ ली थी। कई वरिष्ठ विधायकों का नाम मंत्रिमंडल में शामिल न होने की वजह से नाराजगी की खबरें भी आ रही थी जिसके बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने संकेत दिया कि जरूरत पड़ने पर मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
उधर सरकार के अन्दर मचे आपसी घमासान पर भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य में सत्ता के दो केंद्र बन चुके हैं। भापा नेताओं ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री राहुल जी ने तय किया, मत्री राहुल जी ने तय किया और अब मंत्रियों के निजी सचिव भी राहुल जी ही तय करेंगे।