Tue. Nov 5th, 2024
    वसुंधरा राजे

    राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का नारा है ‘भाजपा फिर से’। अगर राजस्थान के राजनितिक हालात को देखें और हवा का रुख पहचाने तो पार्टी के लिए इस नारे को हकीकत में बदलना और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सत्ता में वापसी करना बहुत ही मुश्किल है।

    राजस्थान की हवा में बदलाव की गंध साफ़ महसूस की जा सकती है और ये लगभग सब मान चुके हैं कि ये हवा वसुंधरा की सत्ता को उखाड़ कांग्रेस के आने के बाद ही रुकेगी।

    भाजपा ने 2013 में 200 में से 163 सीटें जीत कर जबरदस्त तरीके से राजस्थान में अपनी वापसी की थी। कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटों से संतोष करना पड़ा था। 2013 में भाजपा का स्ट्राइक रेट करीब 82 फीसदी था। ऐसे में 5 साल बाद अगर माहौल और हवा कांग्रेस के पक्ष में है तो इसके लिए कांग्रेस को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आभार मानना चाहिए ना कि अपने अध्यक्ष राहुल गाँधी का चमत्कार।

    ये भी पढ़ें: राजस्थान चुनाव: क्या असंभव जीत को संभव बना पाएगी भाजपा?

    वर्तमान मुख्यमंत्री और आने वाले चुनाव में भाजपा की मुख्यमंत्री प्रत्याशी वसुंधरा राजे राज्य की राजनीति में सबसे जयादा चर्चा में है। इसलिए नहीं कि वो जनता में बहुत लोकप्रिय है बल्कि इसलिए कि उन्होंने पिछले 5 सालों में राजस्थान के साथ क्या किया है? कैसे उन्होंने अपनी सरकार चलाई है और अपने रवैये की वजह से।

    जयपुर यूनिवर्सिटी कैम्पस में एक कैफे में युवा छात्रों का एक ग्रुप चाय-कॉफ़ी के साथ राजनीति पर भी चर्चा कर रहा था। एक पोस्ट ग्रेजुएट की छात्रा मेघा चौधरी कहती है, जबरदस्त बहुमत के साथ आने के बाद राजे के पास सुनहरा मौका था राज्य को ऊँचाइयों पर के जाने का लेकिन उन्होंने 5 साल बर्बाद कर दिए। वो कई मुद्दों को गिनाती है और राज्य में बदलाव की बात करती है। उसकी बातों से साफ़ जाहिर है कि वो इस बार कांग्रेस को वोट देने वाली है। साथ हो वो ये भी कहती है कि अगर भाजपा ने एक साल पहले या कुछ महीने पहले वसुंधरा की जगह पर कोई और चेहरा सामने किया होता तो हालत कुछ और होते। उनके साथी भी उनकी बातों से सहमती जताते हैं।

    ये भी पढ़ें: राजस्थान चुनाव: आखिर राजपूत क्यों नाराज हैं वसुंधरा राजे और भाजपा से?

    कैम्पस के बाहर 2 अन्य बी.एससी के छात्र बात करते हैं। वो इस बार पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उनमे से एक राहुल मीणा कहते हैं – ‘राजे इस बार सत्ता में नहीं आनी चाहिए। मेरा वोट कांग्रेस को जाएगा। मैं राहुल गाँधी का प्रशंसक नहीं हूँ लेकिन कांग्रेस की सरकार राजस्थान के लिए बेहतर होगी।’

    अलवर, जो गौरक्षकों द्वारा पहलू खान की पीट पीट कर हत्या के बाद चर्चा में आय था, में भी ऐसे ही हालात है। जिले के तिजारा शहर में सुंदर सिंह चौधरी कहते हैं कि वो हिंदुत्व में विश्वास करते हैं और कांग्रेस को सत्ता में नहीं देखना चाहते लेकिन वो भाजपा को वोट नहीं देंगे क्योंकि वो दो कारणों से नाराज है। पहला वो वसुंधरा से नाराज, जिस तरह से उन्होंने राज्य को चलाया है और दूसरा, संदीप यादव को टिकट नहीं दिया पार्टी ने जो सबसे ज्यादा योग्य थे।

    ये भी पढ़ें राजस्थान चुनाव: झालर पाटन में वसुंधरा के लिए स्वाभिमान तो मानवेन्द्र के लिए प्रतिशोध की लड़ाई

    यादव ने भाजपा का टिकट न मिलने पर बहुजन समाज पार्टी का दमन थाम लिया और वो अब बसपा के टिकट से मैदान में हैं। चौधरी कहते हैं कि वो बसपा को वोट देना चाहते हैं लेकिन डरते हैं कि कहीं त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो बसपा कांग्रेस के साथ चली जायेगी।

    मतलब साफ़ है कि चाहे भाजपा का कोर वोटर हो या कोई और, सब वसुंधरा से ही नाराज है और इस बार वसुंधरा ही भाजपा को हराएगी ना कि कांग्रेस।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *