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    रमेश पोवार और मिताली राज
    बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी और मैनेजर सभा करीम को लिखी गई 10 पेज की रिपोर्ट में भारतीय महिला टीम के कोच रमेश पोवार ने “मिताली राज के ऊपर ब्लेकमेलिंग और कोच पर दबाब बनाने का आरोप लगाया हैं”।
    रमेश पोवार ने रिपोर्ट में लिखा हैं “मुझे आशा हैं कि मिताली राज ब्लैकमेलिंग और कोच पुर दबाब डालना बंद कर देगी और टीम में तुलना करने से भी रुकेंगी, औऱ मुझे आशा हैं कि वह भारतीय टीम में एक अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते क्रिकेट के सुधार में अपना योगदान देगी”।

    पोवार ने पलटवार में यह भी कहा कि “मैं टीम में सभी को बराबरी से हांकता हूं, मिताली टीम की तरफ से अपने स्वार्थ के लिए खेलती हैं, वह अपनी भूमिका को भूल गई हैं और अपने रिकार्ड के लिए खेलती हैं, और उनका मैच में स्ट्राइक रेट भी बहुत कम रहता हैं जिसके कारण और बल्लेबाजो को दबाब झेलना पड़ता हैं”।
    पोवार ने अपनी रिपोर्ट मे यह भी लिखा कि “मिताली ने पाकिस्तान के खिलाफ ओपनिंग भी सिलेक्टर्स के ऊपर दबाब बनाकर कि जब कि उनको कहा गया था कि स्लेकटर्स ने कहा था कि तुम्हें मिडल- आर्डर में बल्लेबाजी करनी होगी। मिताली राज ने पाकिस्तान के खिलाफ ओपनिंग करने से पहले स्लेकटर्स को अपने सन्यांस लेने तक की धमकी दे दी थी और कहा था कि अगर मुझे ओपनिंग में नहीं खिलाया गया तो मैं यहा से धर वापस चली जाऊंगी”।
    पोवार ने बीसीसीआई को जो ई-मेल भजा था उसकी कुछ बाते-“मिताली राज टीम की अनुभवी औऱ सीनियर खिलाड़ियो में से एक हैं, वह टीम मीटिंगों में भी कुछ नहीं बोलती और ना ही टीम की सराहना करती हैं”।

    “वह टीम की योजनाओं पर ध्यान नही देती, और ना ही टीम के लिए अपना योगदान ठीक तरीके से देती हैं और बस अपने रिकार्ड के लिए खेलती हैं। उनके खेलने की गति की वजह से और खिलाड़ियो पर दबाब बनता हैं”।

    “हमे पावरप्ले में टीम के लिए अधिक से अधिक रन जोड़ने होते हैं लेकिन वह खेल के उस पड़ाब मे भी अपनी गति को नहीं बदलती, उसके बाद हमने उनको बताया कि तुम्हें मिडल- आर्डर में बल्लेबाजी करनी होगी तब वह आसानी से मान गई”।

    “मिताली राज ने टी-20 विश्वकप से पहले खेले गए अभ्यास मैचों में रन नही मारे थे तो इसलिए तानिया भाटिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ ओपनिंग पर उतारा गया। हमने तानिया और हेमलता को पावरप्ले में खिलाना सही समझा मे और उन्होनें हमें 13 गेंद में 24 रन बनाकर भी दिये हमेशा मिताली को अपने खेल के बारे में नहीं सोचना चाहिए और उससे ऊपर उठकर टीम के लिए योगदान देना चाहिए”।

    “पाकिस्तान और आयरलैंड के मैच में मिताली ने जो अर्धशतक जड़े थे उनमें भी उनकी खेल में कुछ तेजी नही दिखी। मिताली ने कमजोर आयरलैंड के खिलाफ भी 56 गेंद खेलकर 51 रन बनाए थे। जिसमें उन्होनें 25 डोट बॉल भी खेली थी”।

    “उसके बाद अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनको इसलिए नहीं चुना गया था क्योंकि उनका तबियत ठीक नही थी और उनको इंजरी भी थी, और मैनें उनको होटल में आराम करने को कहा था”।

    “सेमीफाइनल मुकाबले मे मिताली राज को इसलिए नहीं चुना गया था क्योंकि उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में हमने उनके बिना जीत हासिल की थी, औऱ टीम मैनेजमेंट ने यह फैसला लिया था कि हम सामान्य टीम के साथ सेमीफाइनल खेलने मैदान में उतरेंगे”।

    मिताली द्वारा बीसीसीआई चीफ राहुल जोहरी और मैनेजर सभा करीम को पत्र भेजा गया था, उसके बाद इसमे भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि “मिताली राज के साथ वेस्टइंडीज में टी-20 टूर्नामेंट के दौरान जो बर्ताब हुआ वो ठीक नही था। मिताली ने 20 साल भारतीय महिला क्रिकेट के लिए अपना योगदान दिया हैं, और उन्होने टी-20 विश्वकप में पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक लगाए हैं। ऑस्ट्रेलिया मैच के लिए वह फिट नहीं थी लेकिन वह सेमीफाइनल खेलने के लिए पूरी तरीके से फिट थी, और मिताली अपने तरफ से ठीक बोल रही हैं।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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