सऊदी अरब और यूएई के गठबंधन ने यमन के हूथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित सना में हवाई आक्रमण किया। जिसमे बच्चो सहित 11 लोगो की मौत हो गयी है। विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता योसेफ अल हैदरी ने डीपीए न्यूज़ के हवाले से कहा कि रविवार को हुए हमले में 39 लोग जख्मी हुए थे।
स्कूल पर हवाई हमला
अल जजीरा के मुताबिक उन्होंने कहा कि “अधिकतर पीड़ित छात्र हैं क्योंकि बमबारी स्कूलों और घरो पर की गयी थी।” स्थानीय मीडिया के सूत्रों के मुताबिक इस हमले में सात बच्चो सहित 13 लोगो की मृत्यु हुई है। साथ ही 100 से अधिक घायल हुए हैं।
अल राई स्कूल के प्रिंसिपल फ़तेहिया कहलनि ने कहा कि “सब भयभीत थे और कुछ आतंक के डर से चिल्ला और रो रहे थे। हालात बेहद भयानक हो गए थे क्योंकि स्कूल में 2100 लोग मौजूद थे। कुछ छात्राओं ने अपनी जान गंवाई थी और अन्य घायल हुए हैं और कई मिसाइल स्ट्राइक से घायल होकर अस्पताल में हैं। स्कूल की ईमारत पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।”
13 लोगो की मृत्यु
एक जख्मी छात्र अली अहमद ने बताया कि “जब हम स्कूल में थे तब हमने एक लड़ाकू विमान की आवाज़ सुनी थी। इसके बाद हमने पहली स्ट्राइक की आवाज़ सुनी, इसके बावजूद हम शांत रहे। इसके बाद दूसरा हमला हुआ और उसके बाद तीसरा जो सबसे अधिक खतरनाक था। इमारत ध्वस्त हो गयी थी और हमें टूटे शीशों की वजह से चोट लगी थी। जब चौथा हमला हुआ तो हम डर गए और घर की तरफ भागे।”
हूथी विद्रोहियों से जंग लड़ने वाले सऊदी गठबंधन ने कहा कि “उनके विमानों ने सना में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था।” हालाँकि गठबंधन ने हताहत की जानकारी मुहैया नहीं की है।
गठबंधन समर्थित राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी ने कहा कि “हूथी विद्रोहियों ने एक वेयरहाउस का सितमल हथियारों को छिपाने के लिए किया है।” यमन में हालिया जंग की शुरुआत साल 2014 में हुई थी जब हूथी विद्रोहियों ने सना पर कब्जा कर लिया था।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के गठंबंधन ने कई हवाई हमले स्कूलो, अस्पतालों और शादी समारोह में किये हैं जहां हज़ारो यमन के नागरिकों की हत्या हुई है। हूथी विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर निशाना साधते हुए लॉन्ग रेंज मिसाइल दागी थी। अरब के सबसे गरीब देश में लड़ाई से हज़ारो बेक़सूर नागरिकों ने अपनी गंवाई है। लाखों लोग मेडिकल और भोजन की कमी से जूझ रहे हैं और देश को सूखे की तरफ धकेला जा रहा है।
यूएन के प्रमुख मार्क लौकक ने कहा कि “यमन की 80 फीसदी जनता को मानवीय सहायता की जरुरत है, इसमें से एक करोड़ लोग अकाल से एक कदम की दूरी पर है और 240000 लोग भयंकर स्तर की भूखमरी झेल रहे हैं।”