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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के सांसदों ने गुरूवार को मतदान किया और यमन में सऊदी अरब के गठबंधन का समर्थन करने से इंकार कर दिया हैं।

    गार्डियन के मुताबिक हाउस ऑफ़ रेप्रेसेंटिव में 247 में से यह प्रस्ताव 175 मतों से पारित हो गया है और यह प्रस्ताव राष्ट्रपति पारित करेंगे कि यमन की खूनी जंग से अमेरिका के सैन्य बलों को हटा दिया जाये। सीनेट में यह बीते हफ्ते स्पष्ट हो गया था और अब इसका दारोमदार डोनाल्ड ट्रम्प पर है जो इस प्रस्ताव पर वीटो कर सकते हैं।

    व्हाइट हाउस ने इसे त्रुटिपूर्ण करार दिया था और चेताया कि यह सऊदी अरब सहित क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को हानि पंहुचा सकता हैं। कांग्रेस इसे ऐतिहासिक मील का पत्थर मान रही है क्योंकि साल 1973 के बाद राष्ट्रपति तक पंहुचने वाल यह पहला प्रस्ताव है।

    डेमोक्रेट्स के मुताबिक, सऊदी नेतृत्व के गठबंधन में अमेरिका की भागीदारी, हथियारों के जरिये या एयरक्राफ्ट में ईंधन भरने, यह बिना कांग्रेस की मान्यता के असंवैधानिक है। कई सांसदों जैसे, बर्नीस सांडर्स ने कहा कि “आज कांग्रेस ने कहा, हम अपनी जिम्मेदारी को वापस ले रहे हैं। न सिर्फ यमन के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी।”

    विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन एलियट एंगेल ने कहा कि “राष्ट्रपति को अब हकीकत का सामना करना होगा कि कांग्रेस अब विदेश नीति से सम्बंधित संवैधानिक उत्तरदायित्वों को नजरअंदाज नहीं करेगा।”

    यमन से अमेरिकी सेना हटाने के प्रस्ताव में 16 रिपब्लिकन ने डेमोक्रेट्स का समर्थन किया था। आलोचकों के मुताबिक, सऊदी अरब बीते चार वर्षों से अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर यमन में नरसंहार कर रहा हैं।

    डेमोक्रेट जिम म्क्गवेर्न ने कहा कि “यमन पर फेंके गए सभी बम भी ‘मेड इन अमेरिका’ चिल्लाते हैं।” यमन की जंग विश्व की सबसे भयावह मानवीय संकट है। इस तक़रीबन 1.4 करोड़ लोग भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सऊदी अरब के समर्थन से यमन सरकार की वफादार सेना और ईरानी समर्थित हूथी विद्रोहियों ने 10000 लोगों हत्या की हैं।

    सारा सांडर्स ने कहा कि “अमेरिका को यमन में सैन्य दखलंदाज़ी से हटाकर मानवीय सहायता की तरफ लगाना चाहिए। अगर हम उनकी अर्थव्यवस्था को सुधारने  मदद नहीं करेंगे और उन्हें मानवीय सहायता मुहैया नहीं करेंगे तो हालात बेहद खराब जायेंगे।”

    इस प्रस्ताव पर डोनाल्ड ट्रम्प अपने कार्यकाल का दूसरा वीटो भी लगा सकते हैं। बीते माह राष्ट्रपति द्वारा बॉर्डर इमरजेंसी लगाने के खिलाफ कांग्रेस में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। सऊदी अरब को जरुरत से समर्थन देने के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच बहस चल रही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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