Wed. Nov 27th, 2024
    यण संधि

    विषय-सूचि

    इस लेख में हम संधि के भेद स्वर संधि के प्रकार यण संधि के बारे में पढेंगे।

    यण संधि की परिभाषा

    जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है।

    यण संधि के उदाहरण

    • अधि + आय : अध्याय (इ + आ = या)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं आ वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर या बना देते हैं। अधि और आय का अध्याय बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • अनु + एषण : अन्वेषण (उ + ए = व्)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं उ एवं ए वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर व बना देते हैं। अनु और एषण का अन्वेषण बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • अधि + अयन : अध्ययन (इ + अ = य)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं अ वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर य बना देते हैं। अधि और अयन का अध्ययन बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • अनु + इत : अन्वित (उ + इ = वि)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं आ वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर वि बना देते हैं। अनु और इत का अन्वित बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • इति + आदि : इत्यादि (इ + आ = या )

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं आ वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर या बना देते हैं। इति और आदि का इत्यादि बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • प्रति + एक : प्रत्येक (इ + ए = ये)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं ए वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर ये बना देते हैं। प्रति और एक का प्रत्येक बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    • अति + आवश्यक : अत्यावश्यक (इ + आ = या)

    जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं इ एवं आ वह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकर या बना देते हैं। अति और आवश्यक का अत्यावश्यक बन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा।

    यण संधि के कुछ अन्य उदाहरण :

    • अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य)
    • प्रति + अक्ष : प्रत्यक्ष (इ + अ = य)
    • प्रति + आघात : प्रत्याघात (इ + आ = या)
    • अति + अंत : अत्यंत (इ + अ = य)

    यण संधि से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    सम्बंधित लेख:

    1. गुण संधि – उदाहरण एवं परिभाषा
    2. वृद्धि संधि – उदाहरण एवं परिभाषा
    3. अयादि संधि – उदाहरण एवं परिभाषा
    4. दीर्घ संधि – उदाहरण एवं परिभाषा
    5. विसर्ग संधि – उदाहरण एवं परिभाषा
    6. व्यंजन संधि – उदाहरण एवं परिभाषा

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    17 thoughts on “यण संधि : परिभाषा एवं उदाहरण”
    1. यण संधि के 10 उदाहरण बताएं और उन उदाहरण का वाक्यों में प्रयोग करके दिखायें?

    2. यण संधि और अयादि संधि में क्या अन्तर है?

      1. यण सन्धि मे य,व,र, के पहले वाला वर्ण आधा आता है
        इ/ई असमान स्वर —:य्
        उ/ऊ—-//—— :व्
        ऋ—–//—— :र्
        Ex.अति+अधिक =अत्यधिक
        इ+अ =य

        अयादि सन्धि
        ए ——– अय
        ऐ ——– आय (असमान स्वर)
        ओ——- अव
        औ ——– आव
        Ex. ने+अन= नयन
        ए+अ =अय
        शायद आपको समझ आ गया होगा

    3. सुध्युपास्य मे (सुध्य उपास्य) य् = ई + अ है और विच्छेद है सुधी + उपास्य
      आपके द्वारा दिये गए उदाहरणों मे ‘ई’ का कोई उदाहरण नहीं है
      कृपया इसके विषय मे भी बतायें के कब य् = ई + अ होता है और कब य् = इ + अ होता है

    4. आपने यण संधि के ऋ के साथ क्या परिवर्तन होगा यह बताया ही नहीं गया जबकि बच्चों के लिए कठिन होता है कृपया इस पर ध्यान दीजिए।

    5. यण सन्धि मे य,व,र, के पहले वाला वर्ण आधा आता है
      इ/ई असमान स्वर —:य्
      उ/ऊ—-//—— :व्
      ऋ—–//—— :र्
      Ex.अति+अधिक =अत्यधिक
      इ+अ =य

      अयादि सन्धि
      ए ——– अय
      ऐ ——– आय (असमान स्वर)
      ओ——- अव
      औ ——– आव
      Ex. ने+अन= नयन
      ए+अ =अय
      शायद आपको समझ आ गया होगा ????

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *