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    अमेरिका रोहिंग्या मुस्लिम

    म्यांमार में चल रही सांप्रदायिक हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राष्ट्रपति ने जमकर विरोध किया। इसके अलावा अमेरिका ने रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए करीबन 200 करोड़ रूपए सहायता देने के एलान किया है।

    म्यांमार में सेना के अत्याचारों पर उपराष्ट्रपति पेंस ने कहा, ‘बीते कुछ समय में विश्व के लोगों ने एक म्यांमार में घट रहे एक दर्दनाक हादसे को देखा है। सेना पर आतंकवादियों के हमल के बाद बर्मी सेना ने लोगों पर इस कदर अत्याचार ढाये, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। लोगों को अपने ही घरों से निकाल दिया, उनके घरों को जला दिया और अब उन लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है।’

    इसके बाद उन्होंने कहा कि अमेरिका पुरे विश्व में शान्ति चाहता है। इसके लिए अमरीकी सरकार ने म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों की आर्थिक मदद के लिए 200 करोड़ रूपर देने की घोषणा की है।

    इसके बाद अमेरिका ने म्यांमार सरकार के रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस बुलाने के फैसले पर कहा कि सरकार को जल्द ही इन्हे वापस बुलाने के इंतज़ाम करने चाहिए। इस समय रोहिंग्या के लिए वापस लौटना सुरक्षित नहीं है। अभी भी म्यांमार के बौद्ध लोग उन्हें म्यांमार का निवासी नही मानते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।

    उपराष्ट्रपति पेंस ने कहा कि वे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि यह जल्द ही ख़तम होना चाहिए। बर्मी सेना को यह हत्याकांड ख़तम करके शान्ति का माहौल बनाना चाहिए। सरकार को भी इसके लिए काम करना चाहिए।

    इसके अलावा अमेरिका ने दूसरे देशों से भी इस मामले में रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि दुःख की घड़ी में सभी को अपनी भागीदारी देनी चाहिए।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।