अक्टूबर का गुड्स एंड सर्विसेज संग्रह, पिछले महीने में जमा किया गया एक लाख करोड़ रूपये से गिर के 97,637 करोड़ रूपये तक पहुँच गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से पेश किये गए फिगर्स में जीएसटी के बड़े राजस्व घाटा को लेकर चिंता जताई गयी है। हालाकि नवम्बर का संग्रह, अप्रैल-नवम्बर के कार्यकाल में जमा किये 97,039 करोड़ रूपये से ज्यादा था।
जबकि केंद्र का मासिक सकल जीएसटी राजस्व 4,000 करोड़ रूपये, उससे थोड़ा ही ज्यादा है। नवम्बर में, केंद्र की तरफ से कमाया गया आइजिएसटी के नियमित रूप से निपटान का कुल राजस्व 35,073 करोड़ रूपये ही था। अक्टूबर में समझौता करने के बाद केंद्र का राजस्व 48,954 करोड़ रूपये था और पहले आठ महीने का औसत राजकोषीय 38,500 करोड़ रूपये आया।
जीएसटी राजस्व की कमी जितनी परेशानी केंद्र के लिए खड़ी कर सकती है उतनी राज्य के लिए नहीं क्योंकि राज्य को 14% के वार्षिक बढ़ोतरी में कमी आने के लिए नुकसान की भरपाई की जाती है। सरकार के अनुसार, “अक्टूबर से 30 नवम्बर, 2018 तक जीएसटीआर 3बी दर्ज होने वाले केवल 69.6 लाख थे।” अगस्त-सितम्बर के वक़्त में, राज्यों को 11,922 करोड़ रूपये की नुकसान भरपाई मिली थी।
97,637 करोड़ रूपये जुटाए गए धन राशी में से, केंद्र का जीएसटी संग्रह हैं 16,812 करोड़ रूपये, राज्य का जीएसटी संग्रह है 23,070 करोड़ रूपये, एकीकृत जीएसटी है 49,726 करोड़ रूपये इसमें आयात से जुटाए 24,133 करोड़ रूपये भी मौजूद हैं। और उपकर है 8,031 करोड़ रूपये जिसमे आयात से जुटाए 842 करोड़ रूपये शामिल हैं।
नंबर पर टिपण्णी करते हुए, इवाई टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा-“शुरूआती महीनो के मुकाबले जैसे जीएसटी संग्रह गिर गया है, वे इस साल के मासिक औसत संग्रह के मुकाबले ज्यादा है। औसत संग्रह की इस बढ़ोतरी से हर महीने नियमित रूप से एक लाख करोड़ मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है।”