राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित, ‘मेरे प्यारे प्राइममिनिस्टर’ में अंजलि पाटिल और बाल अभिनेता ओम कनौजिया मुख्य भूमिका में हैं।
फिल्म एक लड़के की कहानी है जो अपनी मां के यौन उत्पीड़न के बाद भारत के पीएम को एक पत्र लिखता है। फिल्म का संगीत शंकर-एहसान-लॉय ने तैयार किया है। फिल्म इस शुक्रवार को रितेश बत्रा की ‘फोटोग्राफ’ के साथ रिलीज हुई है।
तो आइये बात करते हैं ऐसे पांच कारणों के बारे में जिससे आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
1. राकेश ओमप्रकाश मेहरा (निर्देशक)
राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने ऐसी फिल्में दी हैं जो आपकी अंतरात्मा की आवाज पर आधारित होती है। उन्होंने ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली 6′ और भाग मिल्खा भाग’ जैसी फिल्में बनाई हैं।
‘मेरे प्यारे प्राइममिनिस्टर’ के साथ, फिल्म निर्माता न केवल खुले में शौच की समस्या के मुद्दे को उठा रहे हैं, बल्कि बलात्कार पीड़ितों के बारे में लोगों की मानसिकता को बदलना चाहते हैं।
https://twitter.com/RakeyshOmMehra/status/1094546780606279680
2. प्लॉट
मेरे प्यारे प्रधानमंत्री आठ साल के लड़के (कन्हैया) और उसकी 24 वर्षीय माँ (सरगम) के साथ उसके रिश्ते की कहानी है। वह हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करना चाहता है और उससे इतना प्यार करता है कि बचपन में बड़ी ही मासूमियत से वह बड़े होने पर अपनी माँ से शादी करने की इच्छा व्यक्त करता है।
वे मुंबई में एक झुग्गी में रहते हैं जहाँ खुले में शौच की समस्या बहुत प्रचलित है। एक दिन सरगम अपनी दिनचर्या से लौटते समय यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाती है। इससे कन्हैया अपनी मां के लिए न्याय मांगने के लिए देश के सर्वोच्च कार्यालय का दरवाजा खटखटाता है और पीएम को पत्र लिखता है ताकि उसकी आवाज़ सुनी जा सके।
3. स्लाइस-ऑफ-लाइफ फिल्म
फिल्म के ट्रेलर को इतनी अच्छी तरह से संपादित किया गया है कि आप तुरंत मासूम, आठ वर्षीय कन्हैया और उसकी एकल माँ सरगम की कहानी में खिंच जाते हैं।
हालांकि फिल्म का शीर्षक और रिलीज का समय इसके राजनीतिक झुकाव पर इशारा कर सकता है, लेकिन यह बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं है। बल्कि, अपनी माँ को न्याय दिलाने के लिए बेटे की लड़ाई के बारे में है।
https://twitter.com/RakeyshOmMehra/status/1106446672492544000
4. आलोचनात्मक प्रशंसा
रोम फिल्म फेस्टिवल में राकेश ओमप्रकाश मेहरा की निर्देशित यह एकमात्र एशियाई फिल्म थी जिसे फिल्म समारोह में प्रदर्शित किया गया था और इसे दर्शकों का लंबे समय तक ओवेशन मिला था।
इतना ही नहीं, 91 वें एकेडमी अवार्ड्स के बाद, कुछ लोगों ने कहा था कि फिल्म में ऑस्कर के लिए जाने की क्षमता थी। उस समय ट्विटर पर हैशटैग #AFilmThatDidntGoToOscars भी ट्रेंड करने लगा था।
5. सामाजिक संदेश
ऐसे समय में जब बॉलीवुड फिल्म निर्माता समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं, ‘मेरे प्यारे प्राइममिनिस्टर’ बलात्कार पीड़ितों के बारे में लोगों की मानसिकता बदलने का प्रयास करती हैं और भारत में खुले में शौच की गंभीर समस्या पर भी प्रकाश डालती है।
इतनी खूबियों को देखते हुए यह फिल्म इस सप्ताह की मस्ट वाच लिस्ट में शामिल करने लायक लग रही है। क्या आप यह फिल्म देखने जा रहे हैं? कमेंट करें और हमें बताएं।
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