सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और मेघालय सरकार से विशेषज्ञों की मदद लेकर खदान में फंसे 15 खनिकों को बचाने के प्रयास को जारी रखने का आदेश दिया है।
ANI के रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा-“बचाव कार्य जारी रखो, क्या होगा अगर सभी या कम से कम कुछ अभी भी जिंदा हो तो? चमत्कार होते हैं।”
जज ने ये भी पूछा कि सरकार अवैध खदान चलाने वाले और उनके अन्दर जाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कर रही है।
नौसेना, NDRF, ओडिशा फायर सर्विस, स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड, स्टेट्स फायर सर्विस और CIL और KBL के अन्य 200 बचाव दल इस बचाव कार्य में शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वे बाढ़ की खदान से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गुरुवार को नौसेना के गोताखोरों ने खदान में पानी के स्तर में कोई बदलाव नहीं पाया।
उन्होंने आगे बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड, किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड और ओडिशा फायर सर्विस के पंपों का उपयोग करने वाले बचाव दल ने खदानों से 2.1 करोड़ लीटर पानी निकालने में कामयाबी हासिल की है।
लेकिन, अभी भी इन खदानों में पानी के स्तर में कोई भारी गिरावट नहीं आई है, जिससे बचावकर्ताओं को पता नहीं चल पा रहा है कि खनिकों को कहां और कैसे देखना है।