“मीटू अभियान” का बॉलीवुड पर बहुत गहरा असर पड़ा है। इस अभियान के तहत, कई ऐसे दिग्गजों के असली चेहरे दुनिया के सामने आये हैं जिन्हे सभी बहुत शिष्टाचारी समझते थे। इस कड़ी में नाना पाटेकर, रजत कपूर, आलोक नाथ, साजिद खान और विकास बहल जैसे लोग मौजूद हैं। और जैसे जैसे ये अभियान गति पकड़ता जा रहा है, वैसे ही बॉलीवुड में बदलाव भी हो रहे हैं। और इसी के चलते निर्माता कुमार मंगत ने एक “नो-हरैस्मेंट” फॉर्म निकाला है जो वे महत्वाकांक्षी अभिनेतों को ऑडिशंस के बाद देंगे।
मिडडे की रिपोर्ट के अनुसार, पैनोरमा स्टूडियोज के कुमार मंगत पाठक ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है ताकि वे काम दिलाने के बदले होने वाले योन उत्पीड़न को कम कर सकें। इस फॉर्म में अभिनेताओं को ऑडिशन का अनुभव साझा करना पड़ेगा और साथ ही ये भी बताना पड़ेगा कि क्या इस दौरान उन्हें किसी भी दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था। ये एक सकारात्मक कदम होगा।
हाल ही में, एक अभिनेता ने इस स्टूडियोज में ऑडिशन दिया था जिसके बाद उन्हें एक फॉर्म पकड़ाया गया जिसमे उन्हें उन्हें अपने नाम और फोटो के साथ साथ ऑडिशन देने का अनुभव लिखना था। उस फॉर्म में एक नोट भी था जिसमे निर्माताओं की सुरक्षा के लिए ये लिखा था कि इस दौरान, ऑडिशन देने वाले के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ और स्टूडियो के किसी भी सदस्य ने उनके साथ उत्पीड़न नहीं किया।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये कदम तब उठाया गया जब विक्की सिदाना जो पहले प्रोडक्शन हाउस की कास्टिंग सँभालते थे, उनपर कई महत्वाकांक्षी अभिनेत्रियों ने योन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद, प्रोडक्शन हाउस ने उस कास्टिंग डायरेक्टर से सारे सम्बन्ध तोड़ दिए थे। ये फॉर्म इस बात का ध्यान रखेगा कि ऑडिशन की प्रक्रिया काफी सुरक्षित और सकारात्मक तरीके से निबट जाए।
कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिए उन्होंने और भी कदम उठाये हैं। उन्होंने ऑडिशन वाले कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं, इस बात का ध्यान रखा है कि ऑडिशन उनके ऑफिस में ही हो, फॉर्म बनाये हैं ताकी अगर किसी को इस दुर्घटना से गुजरना पड़ा हो तो वो बता सकें और अगर ऐसा कुछ हुआ है तो प्रोडक्शन हाउस ने एक निवारण समिति का गठन भी किया है ताकि एक ही रात में पीड़ित को न्याय मिल सकें। ये सारे कदम दो महीने पहले से ही उठाये जा चुके हैं।