मालदीव में नवनिर्वाचित सरकार के आने के बाद ही देश की आर्थिक हालत बिगड़ने लगे हैं। नकदी से जूझ रही सरकार की मदद के लिए भारत मालदीव का तत्काल बजट घाटा तैयार करेगा। भारतीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद मालदीव के विदेश मन्त्री ने इसका ऐलान किया था। अब्दुल्लाह सोलिह ने कहा कि मालदीव की भारत पहले नीति वापस पटरी पर आ गई है।
उन्होंने कहा कि इब्राहीम सोलिह की सरकार मालदीव के दूसरे देशों खासकर चीन से लिए कर्ज की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने भारत और चीन को एक दुसरे के खिलाफ करके पपेट मास्टर बने रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष मज़बूत भारत पहले नीति है लेकिन हम सभी देशों के साथ जुड़ना चाहते हैं।
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि भारत भरोसेमंद और बुरे वक्त का साथी है। उन्होंने कहा कि मालदीव मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते को सिर्फ 10 मिनट में पारित कर दिया गया था, विपक्ष में होने के बावजूद हमें इन कागजों को पढने का मौका तक नहीं मिला था।
बहरहाल मालदीव ने चीन को एक दोस्त के चश्मे से देखा था, दुनिया की सबसे विशाल अर्थव्यवस्थाओं में एक, जिसकी सहायता से मालदीव का फायदा होता। मालदीव के वित्त मंत्री ने कहा कि चीन प्रस्तावित कीमतों के तुलना में काफी अधिक दामों पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि मालदीव अपने किये वादों से मुकर नहीं सकता है।
उन्होंने कहा की सरकार दोबारा बातचीत के सिलसिले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है लेकिन अपने आगे के उद्देश्य की तरफ बढ़ सकती है, वह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की कीमतों में कमी करना है। उन्होंने कहा कि माले में चीन एक अस्पताल का निर्माण कर रहा है, जिसकी कीमत 140 मिलियन डॉलर है जबकि उस प्रोजेक्ट की असल कीमत 54 मिलियन डॉलर है।
शहीद इब्राहीम भरत दौरे के बाद यूएई, सऊदी अरब, जापान, चीन और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष आर्थिक मदद के लिए जायेंगे। आर्थिक विकास मंत्री फ़य्याज़ इस्माइल ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत इहावन प्रोजेक्ट को संभाले। यह एक विशेष आर्थिक और ट्रांसपोर्ट बन्दरगाह है जो हिन्द महासागर का सबसे व्यस्तम मार्ग है। उन्होंने कहा कि सरकार मालदीव और भारत के निवेशकों के मध्य सभी मतभेदों को समाप्त करना चाहती है, हम द्विपक्षीय रिश्तों को मज़बूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव निवेश में वृद्धि के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय संधि करना चाहता है।