मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन पर धनशोधन का आरोप लगाया गया है। इस केस को आपराधिक अदालत में दाखिल किया गया है।
मालदीव मीडिया नें बताया, एक समझौते में पूर्व राष्ट्रपति ने एक द्वीप में पर्यटकों के लिए रेसॉर्ट के निर्माण के लिए किराए पर दिया था और उनके बैंक में 10 लाख डॉलर की राशि भेजीं गयी थी।
बीते वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनावों में इब्राहीम सोलीह ने अब्दुल्ला यामीन को शिकस्त दी थी। पुलिस ने जांच के बाद बीते हफ्ते कहा कि “पूर्व राष्ट्रपति ने राजकीय कोषगृह से धनराशि का गबन किया है।” साल 2014 के हवाला कानून के तहत अपराधी को 15 वर्ष तक की सज़ा हो सकती है और 64850 रूपए टक्का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अब्दुल्ला यामीन से बीते वर्ष एसओएफ द्वारा 10 लाख डॉलर की राशि निजी खाते में जमा कराने के बाबत सवाल पूछे गए थे। एसओएफ कंपनी को एमएमपीआरसी से चुराये गये धन से फायदा दिया गया था और उसी ने मालदीव इस्लामिक बैंक में मौजूद यमीन के खाते में 10 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम भेजी थी।
यमीन को 10 लाख डॉलर सरकारी धन को वापस करने के आदेश दिए गए थे लेकिन जांच में यह मालूम हुआ कि उन्होंने पैसा नहीं लौटाकर, लेन-देन कर मुनाफा कमाया था। बहरहाल, अब्दुल्ला यमीन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है।बीते सप्ताह उनकी कानूनी टीम ने इन आरोपों को खारिज किया और इसे संसदीय चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास बताया था।
अब्दुल्ला यामीन के पूर्व कानूनी मामलों के मंत्री ऐशाथ अज़ीमा भी इसी प्रकार का आरोपों से घिरी हुई है। उन्होंने विभाग से झूट बोलै और धन शोधन में अपराधी की मदद की थी। पूर्व राष्ट्रपति के बैंक अकाउंट को 65 लाख डॉलर के साथ फ्रीज़ कर दिया गया है।
अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में कई विपक्षी दाल के नेताओं को जेल की सज़ा हुई थी। उन्होंने फरवरी 2018 में मालदीव में आपातकाल का ऐलान भी किया था। इस दौरान कई न्यायाधीशों और विरोधी राजनेताओं की गिरफ्तारी की गयी थी।