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    महाराष्ट्र मराठा आन्दोलन

    महाराष्ट्र में इन दिनों काफी तनाव का माहौल बना हुआ है। देवेंद्र फडणवीस सरकार इन दिनों बहुत मुश्किलों से घिरती नज़र आ रही है।

    हाल ही में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन से सरकार सर से लेकर पैर तक हिल गई है। इसकी वजह से पार्टी में नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठने लग गए थे।

    सरकारी नौकरी एवं शिक्षा में आरक्षण कि मांग को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलनकर्ताओं को आश्वासन दिया कि सरकार नवंबर तक इस पर फैसला करती है तब तक उन्होंने आंदोलन वापस लेने की अपील भी करी। परन्तु इसके बावजूद मराठा क्रांति मोर्चा पीछे हटने को बिलकुल तैयार नहीं है।

    इस आंदोलन के तहत मराठा ने मांगो को पूरी करवाने के लिए ‘बंद’ का प्रावधान निकाला है।

    मराठा समूहों के संघ सकल मराठा समाज ने बुधवार को कहा कि नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में गुरुवार को ‘बंद’ रखा जायेगा, ताकि आरक्षण के लिए समुदाय की मांग पर बाव बनाया जा सके।

    सकल मराठा समाज के नेता अमोल जाधवराव ने संवाददाताओं से कहा कि, “कुछ संवेदनशील मुद्दों के कारण हमने नवी मुंबई में बंद नहीं करने का निर्णय किया है।”

    महाराष्ट्र के कुछ हिस्से खासकर नवी मुंबई के कोपरखैरने और कलमबोली में पिछले महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी।

    उन्होंने अपने ब्यान में आगे कहा, “सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा। मैं मराठा युवकों से अपील करता हूं कि वे आत्महत्या नहीं करें। इससे समुदाय और इसके हितों को सहयोग नहीं मिलेगा।

    बता दे कि, पिछले कुछ समय में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में पांच युवा खुदखुशी कर चुके है जिसके परिणामस्वरूप यह आंदोलन हिंसक हो गया था, जिसके चलते में राज्य में कई जगह तोड़फोड़ एवं आगजनी की वारदातें भी हुईं।

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