एसएस राजामौली ने अपनी ‘बाहुबली’ फ्रैंचाइज़ी से बाकि सभी फिल्ममेकर के लिए एक बेंचमार्क सेट कर दिया है। उनकी पीरियड-ड्रामा फिल्म ने न केवल दक्षिण में बल्कि पूरे भारत में धमाका मचा दिया है और भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म बनकर उभरी है। साथ ही जिस पैमाने पर इसे बनाया गया था वह अविश्वसनीय विशाल था।
ऐसे में इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि टोलीवुड सुपरस्टार ममूटी की आगामी फिल्म ‘ममंगम’ की भी ‘बाहुबली’ से तुलना की जाएगी। उनकी फिल्म भी बड़े पैमाने पर बनाई गयी एक पीरियड-ड्रामा फिल्म है जिसका अपनी फ्रैंचाइज़ी बनाने का उद्देश्य है। इतना ही नहीं, जिस भव्यता और शान से ‘मामगम’ का सेट बनाया गया था, वह भी ‘बाहुबली’ जितना बड़ा बताया जा रहा है।
जब ज़ूम ने उनसे पूछा कि क्या वह ‘बाहुबली’ से हो रही तुलना से सहमत है तो उन्होंने तुरंत ही जवाब देते हुए कहा कि जब बात पैमाने की आती है तो ‘ममंगम’ जरा भी ‘बाहुबली’ के आसपास नहीं है। दिखने में आकर्षित, हां मगर इसके अलावा, दोनों एकदम अलग फिल्में हैं।
उनके मुताबिक, “बाहुबली का पैमाना हम नहीं छू सकते, लेकिन कोशिश कर रहे हैं कि दिखने में वैसी हो। क्योंकि हमने एक बड़ा सेट तैयार किया है। ये दक्षिण में अपनी तरह का इकलौता होना चाहिए। इसके अलावा, हम VFX पर अधिक निर्भर नहीं हैं। हो सकता है कि 10-15 प्रतिशत फिल्म हो लेकिन उससे ज्यादा नहीं। यह मूल सेट है, कोई पेंटिंग नहीं, कोई हरी चटाई नहीं, कोई नीली चटाई नहीं। यह सब वास्तविक है और इससे कहानी में और वास्तविकता आएगी और यह और अधिक वास्तविक बनेगी।”
फिल्म 16 वीं शताब्दी में सेट की गई है और एक मध्ययुगीन त्योहार के चारों ओर घूमती है जिसे ‘ममंगम’ कहा जाता है। फिल्म मलयालम, कन्नड़, तमिल, हिंदी में बहुभाषी रिलीज़ होगी।