गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले प्रधानमंत्री को राज्य के लोकतंत्र की आलोचना नहीं करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने 1 जनवरी को एक ट्वीट किया था जिसमे केरल, बंगाल और कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की आलोचना की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से ट्वीट किया गया – “पश्चिम बंगाल में क्या हुआ है। एक राजनीतिक दल (भाजपा) को एक बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं को पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक में बेरहमी से मार दिया जाता है। हिंसा की राजनीति को समाप्त करना है। सभी दलों को शांतिपूर्ण राजनीति के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करनी होगी”
What has happened in West Bengal. A political party (the BJP) is being denied a basic democratic right.
Our workers are brutally killed in West Bengal, Kerala, Karnataka.
Politics of violence has to end. All parties have to reaffirm their commitment to peaceful politics: PM
— PMO India (@PMOIndia) January 1, 2019
उसके जवाब में गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा “मोदी सरकार में आम लोगों के अधिकारों पर अंकुश लगाया गया है। ऐसे में वो हमें लोकतंत्र का पाठ कैसे पढ़ा सकते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में फोन टैप किये जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर नज़र राखी जा रही है।
ममता ने कहा “हमारा राज्य शांति और लोकतंत्र में विश्वास करता है।” उन्होंने कहा “गाय के नाम पर निर्दोष लोगों को मारने वाले अब लोकतंत्र की बात कर रहे हैं। वे केवल विभाजनकारी राजनीति और नफरत की राजनीति में विश्वास करते हैं। हम अपने राज्य में ऐसा नहीं होने देंगे। सांप्रदायिक संस्कृति को यहां बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
ममता ने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा “मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि मुझे ‘राम’ या हिंदू धर्म के बारे में नहीं सिखाएं। हम दुर्गा पूजा मनाते हैं और यह राम ही थे जिन्होंने देवी दुर्गा के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की थी। बंगाल में, सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं और सभी त्योहार मनाते हैं।